घरेलू कीमतों में तेजी से मक्का का निर्यात 4 साल के निचले स्तर पर, अल-नीनो से गिर सकती है पैदावार

घरेलू कीमतों में तेजी से मक्का का निर्यात 4 साल के निचले स्तर पर, अल-नीनो से गिर सकती है पैदावार

2023-24 के दौरान वियतनाम भारतीय मक्का का सबसे बड़ा खरीदार था, जिसने 6.88 लाख टन से अधिक की खरीद की. हालांकि, वियतनाम को निर्यात पिछले साल के 8.91 लाख टन से लगभग 23 प्रतिशत कम रहा. 2023-24 के दौरान नेपाल भारतीय मक्का का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार था, जिसने लगभग 3.78 लाख टन की खरीद की.

Advertisement
घरेलू कीमतों में तेजी से मक्का का निर्यात 4 साल के निचले स्तर पर, अल-नीनो से गिर सकती है पैदावारमक्के की कीमत में तेजी से आई बढ़त

भारत का मक्का निर्यात 2023-24 की अवधि में चार साल के निचले स्तर पर आ गया, जिसमें मात्रा में 58 प्रतिशत की गिरावट आई. यह गिरावट उच्च घरेलू कीमतों और कम फसल के साथ-साथ इथेनॉल, पोल्ट्री और स्टार्च निर्माताओं की बढ़ती मांग के कारण हुई. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश का मक्का निर्यात 2023-24 के दौरान पिछले वर्ष के 34.53 लाख टन से घटकर 14.42 लाख टन रह गया, क्योंकि बांग्लादेश और वियतनाम जैसे बड़े खरीदार अपना उठाव कम कर रहे हैं और अन्य सस्ते व्यापारियों की तरफ जा रहे हैं.

मक्का की कीमत में गिरावट

डॉलर मूल्य की बात करें तो, भारत के मक्का का निर्यात पिछले वर्ष के 1116 मिलियन डॉलर से 60 प्रतिशत घटकर 443 मिलियन डॉलर रह गया. रुपये के मूल्य के संदर्भ में, निर्यात पिछले वर्ष के 8987 करोड़ रुपये से 59.2 प्रतिशत घटकर 3660 करोड़ रुपये रह गया.

नेपाल दूसरा सबसे बड़ा खरीदार!

2023-24 के दौरान वियतनाम भारतीय मक्का का सबसे बड़ा खरीदार था, जिसने 6.88 लाख टन से अधिक की खरीद की. हालांकि, वियतनाम को निर्यात पिछले साल के 8.91 लाख टन से लगभग 23 प्रतिशत कम रहा. 2023-24 के दौरान नेपाल भारतीय मक्का का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार था, जिसने लगभग 3.78 लाख टन की खरीद की. इस साल नेपाल को निर्यात पिछले साल के 3.91 लाख टन से 3.3 प्रतिशत कम रहा.

ये भी पढ़ें: Onion Price: लोकसभा चुनाव के पर‍िणाम के बीच प्याज के दाम ने बनाया र‍िकॉर्ड, जान‍िए प्रमुख मंड‍ियों का भाव 

हाल के वर्ष में भारतीय मक्का के सबसे बड़े खरीदार बांग्लादेश ने वैश्विक कीमतों की तुलना में भारतीय कीमतें प्रतिस्पर्धी नहीं होने के कारण अपनी खरीद में भारी कमी की है. 2023-24 के दौरान बांग्लादेश को निर्यात पिछले वर्ष के 17.09 लाख टन से लगभग 88 प्रतिशत घटकर 2.08 लाख टन रह गया.

पोल्ट्री में बढ़ी मक्का की मांग

व्यापार सूत्रों ने बताया कि घरेलू कीमतों में उछाल के कारण भारतीय मक्का विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धी नहीं रहा है और इसके परिणामस्वरूप निर्यात रुक गया है. साथ ही पोल्ट्री, स्टार्च और इथेनॉल मिश्रण जैसे क्षेत्रों से घरेलू मांग में वृद्धि ने स्थानीय बाजार में मक्का की मांग को बढ़ावा दिया है.

दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार 2023-24 के लिए मक्का की फसल पिछले वर्ष के 380.85 लाख टन से कम होकर 324.70 लाख टन रहने का अनुमान है, जिसमें 27.21 लाख टन ग्रीष्मकालीन फसल उत्पादन शामिल है.

हो सकता है अल नीनो का असर

2023-24 के दौरान खरीफ मक्का उत्पादन पिछले वर्ष के 236.74 लाख टन से कम होकर 227 लाख टन रह गया, जबकि रबी सीजन का उत्पादन पिछले वर्ष के 116.9 लाख टन से कम होकर 97.50 लाख टन रहने का अनुमान है. अल नीनो की वजह से शुष्क मौसम और अनियमित बारिश ने कर्नाटक और बिहार जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में मक्का की फसल के उत्पादन को प्रभावित किया है.

POST A COMMENT