केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सहकारिता मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ा है, जहां किसान और कृषि है. किसानों के पास सब कुछ आसानी से पहुंचाने और उनकी परेशानी कम करने में सहकारिता क्षेत्र का योगदान अहम होगा. इसके लिए सोसाइटियों का सशक्त होना जरूरी है. सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए आज देश में पैक्स का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है, उनकी क्षमता बढ़ाई जा रही है. सस्ते ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराकर दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना शुरू की जा रही है. पैक्स पीडीएस दुकान चलाएं, पेट्रोल पंप, दवा दुकान व गैस एजेंसी भी चलाएं, इस पर भी काम हो रहा है. इससे न सिर्फ पैक्स सशक्त होंगे, बल्कि उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा.
तोमर पूसा मेला मैदान में सहकार भारती द्वारा आयोजित दो दिवसीय क्रेडिट सोसायटी राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी सोसाइटियां बनाई जा रही हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो लगातार इस बात की कोशिश सरकार की तरफ से की जा रही है कि हर व्यक्ति सहकारिता के आंदोलन से जुड़े. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है. हम सब जानते हैं कि प्रधानमंत्री जी जो कहते हैं उसे करके दिखाते हैं. उनकी यह भी कोशिश रंग लाएगी.
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तोमर ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा देशभर के 2.53 लाख पंचायतों तक पहुंच रही है. इसके जरिये केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश है. साथ ही 2047 तक विकसित भारत बनाने के संकल्प से जोड़ने का काम भी किया जा रहा है. सहकारिता क्षेत्र सहित सभी देशवासी विकसित भारत संकल्प यात्रा से जुड़ें और अमृत काल में भारत को पूर्ण विकसित बनाने का संकल्प लें. इस मौके पर केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा और सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर सहित कई लोग मौजूद रहे.
तोमर ने कहा कि इस कार्यक्रम में क्रेडिट सोसाइटियों का एक जगह, एक उद्देश्य के लिए इतनी बड़ी संख्या में एकत्र होना बहुत महत्वपूर्ण व प्रसन्नता की बात है. हम सब यह भली-भांति जानते हैं कि बिना संस्कार के सहकार नहीं होता और बिना सहकार के उन्नति नहीं होती है. सहकार भारती, सहकारिता के क्षेत्र में समर्पित सेवाएं दे रही है. इसका उद्देश्य संस्कार से सहकार को आगे बढ़ाना है. सहकारिता का उद्देश्य देश के लिए नया नहीं है. सहकार का भाव हमारी आत्मा में बसता है. पहले गांवों में मकान कच्चे होते थे, लेकिन संबंध पक्के होते थे. सहकार के भाव के कारण गांव का कोई भी व्यक्ति परेशान नहीं होता था.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सहकार का भाव हमारे संस्कार में होने के बावजूद आजादी के 75 वर्ष बाद भी यह यात्रा अधूरी है, क्योंकि पहले काम करने वाले नेतृत्व में दृष्टि का अभाव था. नीति-नीयत की कमी थी, लेकिन आज देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा सशक्त नेतृत्व है. उनके नेतृत्व में ऐसी सरकार काम कर रही है जिसकी दूर दृष्टि है, पक्का इरादा है और आगे बढ़ने का जज्बा है. पीएम मोदी ने पशुपालन, मत्स्यपालन, कौशल विकास और सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाने का महत्वपूर्ण काम किया है.
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