APEDA की मदद से 47 प्रतिशत बढ़ा भारत से फल-सब्जियों का निर्यात, पिछले साल 123 देशों में भेजे गए उत्‍पाद

APEDA की मदद से 47 प्रतिशत बढ़ा भारत से फल-सब्जियों का निर्यात, पिछले साल 123 देशों में भेजे गए उत्‍पाद

भारत से एक्‍सपोर्ट होने वाले फल और सब्जियों में पिछले 4 सालों में 47.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने दी है. इसमें APEDA ने बड़ा योगदान दिया है. जानिए मंत्रालय ने अपने बयान में क्‍या कहा.

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APEDA की मदद से 47 प्रतिशत बढ़ा भारत से फल-सब्जियों का निर्यात, पिछले साल 123 देशों में भेजे गए उत्‍पादफल-सब्‍जी निर्यात

वित्त वर्ष 2019-20 और 2023-24 के बीच भारत के फलों और सब्जियों के निर्यात में 47.3 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी है. मंत्रालय ने बयान में कहा कि वाणिज्य विभाग के तहत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) की ओर से दी गई वित्तीय सहायता योजनाओं के कारण यह उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली. APEDA की वित्तीय सहायता योजनाओं ने भारत के फलों और सब्जियों के निर्यात में 47.3 प्रतिशत की वृद्धि को बढ़ावा दिया है.

इन कामों के लिए मदद करता है APEDA

APEDA कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात संवर्धन योजना के तहत अलग-अलग पहलों के माध्यम से एक्‍पोर्टर्स को सपोर्ट कर रहा है. यह ग्रेडिंग और पैकिंग लाइनों, प्री-कूलिंग इकाइयों, कोल्ड स्टोरेज, रेफ्रिजरेटेड परिवहन और विकिरण जैसी उपचार सुविधाओं के साथ पैकहाउस जैसी जरूरी निर्यात सुविधाओं को बनाने के लिए वित्तीय मदद देता है. इस बुनियादी ढांचे की वजह से निर्यात किए गए फल और सब्जियों के अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में मदद मिलती है.

123 देशों में भेजे गए फल-सब्‍जी

वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत के ताजे फल और सब्जियों का निर्यात 123 देशों को किया गया. पिछले तीन वर्षों में भारतीय उपज ने ब्राजील, जॉर्जिया, युगांडा, पापुआ न्यू गिनी, चेक गणराज्य और घाना सहित 17 नए बाजारों में प्रवेश किया है. बाजार पहुंच को और बढ़ाने के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) और एपीडा ने केंद्रित व्यापार वार्ता के लिए प्रमुख उत्पादों और लक्षित देशों की पहचान की है. मंत्रालय ने यह भी कहा कि बागवानी उत्पादों के लिए समुद्री परिवहन प्रोटोकॉल विकसित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. बागवानी उत्पादों के लिए समुद्री प्रोटोकॉल का विकास किया जाएगा, ताकि रसद खर्च कम हो और निर्यात की मात्रा में वृद्धि हो सके. 

आयातकों की जरूरत पूरी करने में मिलती है मदद

APEDA उत्पाद की क्‍वालिटी बढ़ाने के लिए प्रयोगशाला परीक्षण उपकरण खरीदने, क्‍वालिटी मैनेजमेंट सिस्‍टम बनाने और खेत-स्तर के डेटा को ट्रैक करने के लिए हैंडहेल्ड डिवाइस का इस्‍तेमाल करने के लिए वित्तीय सहायता देता है. इसमें आयात करने वाले देशों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी, मिट्टी और कीटनाशक अवशेषों का परीक्षण भी शामिल है.

मंत्रालय ने यह भी कहा कि एपीडा अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भाग लेकर, क्रेता-विक्रेता बैठकों का आयोजन करके और बेहतर पैकेजिंग मानकों को विकसित करके निर्यातकों को अपनी पहुंच बढ़ाने में सहायता करता है. ये प्रयास भारतीय कृषि उपज की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में मदद करते हैं. 

मंत्रालय ने कहा कि विदेशों में भारतीय राजनयिक मिशनों द्वारा समर्थित आयातक देशों के अधिकारियों के साथ नियमित चर्चा भी की जा रही है. ये चर्चाएं सुविधा पंजीकरण और फाइटो-सैनिटरी विनियमों के अनुपालन पर केंद्रित हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि भारतीय फल और सब्जियां अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों को पूरा करती हैं. इन चल रही पहलों के साथ, एपीडा भारत के कृषि निर्यात को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. (एएनआई)

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