कृषि क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने बड़ी चलांग लगाई है. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कृषि क्षेत्र में प्रदर्शन के मामले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को शीर्ष पांच राज्यों में स्थान दिया गया है, जबकि आर्थिक संकेतकों में उनकी रैंक उम्मीद के मुताबिक कम है. पीएचडीसीसीआई के अध्ययन में यह बात कही गई है.कृषि क्षेत्र देश के लगभग आधे कार्यबल को रोजगार देता है. पिछले कुछ दशकों के दौरान अर्थव्यवस्था की वृद्धि में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस क्षेत्रों का योगदान तेजी से बढ़ा है, जबकि कृषि क्षेत्र का योगदान लगातार कम होता गया है. 1950 के दशक में जहां सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 50 प्रतिशत था, वहीं 2015-16 में यह घटकर 15.4 प्रतिशत रह गया है.
बहरहाल, यूपी में कृषि क्षेत्र की अच्छी ग्रोथ देश के लिए भी बढ़िया है, क्योंकि यह बड़ा राज्य है. एक समय ऐसा भी था जब भारत में खाद्यान्न की कमी हुआ करती थी लेकिन अब हम इसमें भी आगे हैं. कुछ राज्य कृषि प्रदर्शन में उत्कृष्ट हैं, उनकी समग्र आर्थिक वृद्धि मामूली बनी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, यह व्यापक आर्थिक विकास को गति देने के लिए कृषि में बेहतर प्रदर्शन का अवसर दर्शाता है.
रोजगार के क्षेत्र में कृषि के साथ-साथ पशुपालन, बागवानी, मुर्गीपालन, मछलीपालन, वानिकी, रेशम कीटपालन, मुर्गीपालन तथा बत्तखपालन आय बढ़ाने का महत्वपूर्ण साधन बनते जा रहे हैं. देश की राष्ट्रीय आय का एक बड़ा हिस्सा कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों से प्राप्त होता है. देश के कुल निर्यात का 16 प्रतिशत कृषि से प्राप्त होता है. आज भी देश का लगभग आधा कार्यबल कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों में लगा हुआ है और इसमें यूपी सहित अन्य राज्यों का अहम योगदान है.
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कृषि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. भारत में कृषि सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है और साथ ही, कृषि अधिकांश लोगों की आजीविका का साधन है. साल 1950 के बाद कुल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा कम हो गया है, लेकिन 50 प्रतिशत से अधिक कामकाजी लोग सीधे तौर पर इसमें कार्यरत हैं. इसके अलावा, आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि आधारित उद्योगों और कृषि उत्पादों के व्यापार में कार्यरत है. कृषि को कई औद्योगिक उत्पादों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने और औद्योगिक उत्पादों की मांग को पूरा करने का जनक भी कहा जाता है.
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उत्तर प्रदेश भारत का वह राज्य है जहां गेहूं, गन्ना आदि का सबसे अधिक उत्पादन होता है. कृषि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मूल आधार है तथा इस पर लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या निर्भर है. राज्य के आर्थिक विकास में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है. आंकड़ों के अनुसार राज्य में लगभग 190 लाख हेक्टेयर, 68.8 क्षेत्रफल में खेती होती है. वर्ष 2010-11 की कृषि जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में 233.25 लाख किसान हैं. आधुनिक कृषि तकनीक का प्रयोग कर उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में किसानों की कड़ी मेहनत और प्रयासों का ही परिणाम है कि कृषि ने राज्य को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बना दिया है और आवश्यकता से अधिशेष की ओर अग्रसर कर दिया है.
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