करनाल की अनाज मंडी में 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो गई थी, लेकिन कोई भी किसान अपनी गेहूं की फसल लेकर मंडी में नहीं पहुंचे थे, लेकिन आज 4 अप्रैल को सबसे पहले मंगलोरा गांव का किसान अपनी गेहूं की फसल की ट्रॉली लेकर मंडी में पहुंचा. मंडी में साफ-सफाई की गई, पानी और खाने की व्यवस्था भी की गई. मंडी में एजेंसी के तौर पर हैफेड खरीद करेगी. वेयरहाउस द्वारा भी गेहूं की खरीद की जाती है. आढ़तियों और मंडी प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे गेहूं की फसल को सुखाकर लाएं. समर्थन मूल्य 2425 रुपए रखा गया है.
करनाल के गांव मंगलौरा के किसान कपिल चौधरी ने बताया कि इस बार गेहूं की फसल की पैदावार काफी अच्छी हुई है, क्योंकि मौसम ने किसानों का साथ दिया. किसानों की फसलें मौसम पर निर्भर रहती हैं. अगर दस दिन पहले गर्मी पड़ती तो गेहूं का दाना सिकुड़ जाता, लेकिन इस बार गेहूं का दाना काफी अच्छा है. किसान ने यह भी माना कि वह अपनी फसल को यहां मंडी में लेकर आए हैं, उसमें थोड़ी नमी है जो शाम तक ठीक हो जाएगी, वहां पानी की समस्या थी, इसलिए हम अपनी फसल काटकर मंडी में आए हैं.
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किसान कपिल ने बताया कि इस बार गेहूं की फसल का सीजन किसानों के लिए काफी अच्छा रहने वाला है. उन्होंने कहा कि मंडी में किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है, पहले भी ऐसी कोई समस्या नहीं थी और अब भी किसानों को वर्तमान में कोई समस्या नहीं है.
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करनाल अनाज मंडी में बुफे एजेंसी के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मंडी के सभी आढ़तियों को बारदाना वितरित कर दिया गया है. हम 11:11 बजे तक नमी वाली फसल खरीद लेंगे. हमारी तरफ से सभी तैयारियां पूरी हैं, किसानों को मंडी में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी, गेहूं की पहली ढेरी मंडी में पहुंच गई है. फसल के उठान के लिए भी सभी प्रबंध कर लिए गए हैं ताकि किसानों को फसल उठान को लेकर किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
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