पिछले कई महीनों से देशभर में सोयाबीन की कीमतों में भारी गिरावट जारी है. दाम घटने से किसानों को अपनी उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है. नौबत यहां तक आ पहुंची है कि किसानों की लागत नहीं निकल पा रही है. इसका सबसे अधिक असर महाराष्ट्र में देखने को मिल रही है, जहां विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने 6000 रुपये एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का वादा किया था. अब उसी राज्य में किसान सोयाबीन को वर्तमान एमएसपी 4892 रुपये से 1500 रुपये तक कम कीमत पर बेच रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, किसानों को अभी उनकी उपज का सिर्फ 3500 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं महाराष्ट्र की अलग-अलग मंडियों में सोयाबीन किस भाव से बिक रहा है.
मंडी | आवक (क्विंटल में) | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत | औसत कीमत |
गंगाखेड़ | 37 | 4200 | 4250 | 4200 |
किनवट | 760 | 4892 | 4892 | 4892 |
(19 जनवरी) | ||||
सिलोड | 35 | 3900 | 4100 | 4000 |
परभनी | 175 | 4000 | 4200 | 4150 |
शेगाव | 35 | 3900 | 3900 | 3900 |
बालापुर | 990 | 3400 | 4050 | 3900 |
बुलढाना | 150 | 3500 | 4050 | 3775 |
बुलढाना-धाड़ | 23 | 3600 | 4000 | 4000 |
भिवापुर | 550 | 3700 | 4100 | 3900 |
अष्टी-करंजा | 529 | 3800 | 4305 | 4000 |
सोर्स: महाराष्ट्र एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार, 19, 20 जनवरी 2025 के आंंकड़े
बता दें कि महाराष्ट्र सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक राज्यों में शामिल है. इस बार पहले नंबर पर मध्य प्रदेश है और दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है. महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में सोयाबीन की कम कीमतें बड़ा मुद्दा थीं, लेकिन अब सरकार बनने के बाद भी किसानों को राहत के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है. ऐसे में राज्य के किसान सही दाम न मिलने से काफी परेशान हैं. अब देखना ये होगा कि किसान इस मुद्दे को लेकर क्या करते हैं.
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