जनवरी के तीसरे हफ्ते में कड़ाके की ठंड के बीच 'सफेद सोना' यानी कपास के बाजार में इन दिनों गर्मी बनी हुई है. दरअसल, किसानों को मंडी में कपास का अच्छा भाव मिल रहा है. अभी कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊपर चल रही है. मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए सरकार ने मीडियम स्टेपल कॉटन की एमएसपी 7121 रुपये प्रति क्विंटल तय की हुई है और लॉन्ग स्टेपल कॉटन के लिए 7521 रुपये एमएसपी तय की गई है. मालूम हो कि पिछले कुछ सालों में कपास के बुवाई क्षेत्र और उत्पादन में कमी देखने को मिल रही है, जिसका असर कीमतों पर भी देखने को मिल रहा है. जानिए महाराष्ट्र की मंडियों में आज कपास का क्या भाव चल रहा है...
मंडी | आवक | न्यूनतम कीमत (रु. में) | अधिकतम कीमत (रु. में) | मॉडल कीमत (रु. में) |
पारशिवनी | 1577 | 7000 | 7275 | 7210 |
घाटंजी | 2200 | 6900 | 7230 | 7050 |
हिंगनघाट | 9000 | 7000 | 7315 | 7100 |
यवल | 5 | 6550 | 6790 | 6630 |
अकोट | 1750 | 7120 | 7675 | 7600 |
अर्वी | 3308 | 7150 | 7300 | 7200 |
मारेगांव | 4253 | 7172 | 7421 | 7271 |
पारशिवनी (मीडियम स्टेपल कपास) | 1860 | 7100 | 7275 | 7225 |
भारतीय कपास निगम (CCI) किसानों से एमएसपी पर कॉटन की खरीद करता है. इस साल कॉटन का उत्पादन 25.96 लाख गांठ तक कम होने का अनुमान है. एक गांठ का वजन 170 किलोग्राम होता है. मार्केटिंग सीजन 2023-24 में 325.22 लाख गांठ कपास उत्पादन दर्ज किया गया था, जबकि मार्केटिंग सीजन 2024-25 में उत्पादन घटकर 299.26 लाख गांठ पर रहने का अनुमान है. इस वजह से इस साल कॉटन की कीमतें एमएसपी से ज्यादा ही रहने की संभावना है. महाराष्ट्र देश का प्रमुख कॉटन उत्पादक राज्य है. यहां की मंडियों में कॉटन का भाव भी कीमतें बढ़ी रहने का इशारा कर रहा है.
भारत में कॉटन की मांग को पूरा करने के लिए फाइबर फसल का आयात किया जाता है. इस साल करीब 25 लाख गांठ के आयात का अनुमान है. कॉटन एसोशिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, पिछले साल अक्टूबर और नवंबर के दौरान मार्केटिंग सीजन 2023-24 की इसी अवधि के मुकाबले तीन गुना कॉटन का आयात किया गया था.
अक्टूबर-नवंबर 2024 में 9 लाख कपास की गांठ खरीदी गई, जबकि अक्टूबर-नवंबर 2023 में सिर्फ 3 लाख गांठ खरीदी गई थीं. इस खरीद में उछाल के पीछे दो मुख्य कारण बताए गए, जिसमें पहला वैश्विक कीमतों का कम होना और दूसरा घरेलू उत्पादन में गिरावट का अनुमान.
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