हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा में इस बार धान की खरीद 3 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है. प्रशासन ने किसानों से आग्रह किया है कि वे समय रहते अपनी फसल का पंजीकरण ‘सही फसल सही दाम’ पोर्टल पर जरूर कराएं. कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा है कि जो किसान पोर्टल पर अपनी फसल का पंजीकरण नहीं कराएंगे, उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलने में देरी हो सकती है. इस साल सरकार ने धान का MSP 2,389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है.
उन्होंने बताया कि यह पोर्टल किसानों को पारदर्शिता और सही भुगतान दिलाने के लिए शुरू किया गया है. इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और किसानों को समय पर भुगतान मिलेगा.
प्रशासन ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, कृषि विभाग, एपीएमसी और भारतीय खाद्य निगम (FCI) को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि मंडियों में पर्याप्त व्यवस्था हो.
इन व्यवस्थाओं में शामिल हैं:
इस बार किसानों को एक और बड़ी चिंता सता रही है- लंबे समय तक हुई बारिश और बाढ़ की वजह से धान की गुणवत्ता पर असर पड़ा है. इससे फसल के FCI मानकों के तहत रिजेक्ट होने की आशंका बढ़ गई है. किसान संगठनों ने पहले ही मंडियों में सुविधाओं की कमी को लेकर चिंता जताई है.
कांगड़ा जिला राजनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यहां से 15 विधायक विधानसभा में चुने जाते हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर भी कांगड़ा के देहरा क्षेत्र से विधायक हैं.
इसलिए इस बार धान खरीद का पूरा मामला सरकार की साख से भी जुड़ा है. अगर खरीद प्रक्रिया में कोई लापरवाही हुई, तो यह विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा बन सकता है, खासकर पंचायत और नगर निकाय चुनावों से पहले.
कांगड़ा में धान खरीद की प्रक्रिया सिर्फ एक प्रशासनिक काम नहीं, बल्कि किसानों के हित और सरकार की विश्वसनीयता से जुड़ा मुद्दा बन गया है. किसानों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द ‘सही फसल सही दाम’ पोर्टल पर पंजीकरण कराएं और अपने दस्तावेज तैयार रखें ताकि MSP का लाभ समय पर मिल सके.
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