महाराष्ट्र के नासिक जिले के सटाना तालुका में प्याज की गिरती कीमतों से नाराज किसानों ने सड़क पर उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. विंचूर-प्रकाश हाईवे पर शिवतीर्था के पास किसानों ने रास्ता जाम कर दिया, जिससे दोनों दिशाओं में यातायात पूरी तरह ठप हो गया. किसानों ने गले में प्याज की मालाएं पहनकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी नाराजगी जाहिर की.
पिछले कुछ दिनों से प्याज की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिससे किसान बुरी तरह से परेशान हैं. किसानों ने उम्मीद में प्याज को लंबे समय से स्टोर करके रखा था कि भाव बढ़ेगा, लेकिन कीमतों में सुधार नहीं होने से अब किसान आक्रामक हो गए हैं.
इतिहास में पहली बार नासिक जिले की सभी किसान संगठनों ने प्याज के मुद्दे पर एकजुट होकर बगलान तहसील में प्रदर्शन किया. इस आंदोलन का नेतृत्व डॉ. राहुल सोनवणे ने किया.
इन सभी संगठनों ने मिलकर सड़क जाम करते हुए कई अहम मांगें रखीं, जिनमें प्रमुख हैं:
ट्रक ट्रांसपोर्ट यूनियन से अपील की गई कि वे NAFED और NCCF की प्याज लोडिंग न करें, अन्यथा ट्रकों को जलाने की चेतावनी भी दी गई.
किसानों ने लगभग डेढ़ घंटे तक हाईवे को बंद रखा और जोरदार नारेबाजी के साथ सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. आंदोलन स्थल पर भारी पुलिस बंदोबस्त भी किया गया था.
पिछले पांच-छह महीनों से प्याज के बाजार में कोई सुधार नहीं हुआ है. उल्टे बाजार में और गिरावट ही आ रही है. दूसरी ओर, नेफेड द्वारा बाजार में प्याज लाने के बाद इसकी कीमत 24 रुपये प्रति किलो हो गई थी. अब उसने इसे घटाकर 21 रुपये प्रति किलो कर दिया है. इससे बाजार समितियों में और गिरावट के संकेत मिल रहे हैं.
आज, 15 सितंबर को, लासलगांव मंडी में न्यूनतम मूल्य 500 रुपये और औसत मूल्य 1270 रुपये रहा, जबकि पिंपलगांव बसवंत मंडी में यह 400 रुपये और औसत मूल्य 1175 रुपये रहा, और उमराणे मंडी में यह 500 रुपये और औसत मूल्य 1100 रुपये रहा.
इसी तरह, सोलापुर मंडी में लाल प्याज 100 रुपये और औसत मूल्य 900 रुपये रहा, और नागपुर मंडी में यह 1425 रुपये रहा. पुणे में स्थानीय प्याज 400 रुपये और औसत मूल्य 950 रुपये रहा. दूसरी ओर, मुंबई प्याज आलू मंडी में औसतन 1100 रुपये रहा.
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