हरियाणा सरकार द्वारा भावांतर योजना के तहत बाजरा पर दी जाने वाली भरपाई को कम दिया गया है जिसके बाद किसानों में आक्रोश है. आपको बता दें कि सरकान ने बाजरे पर पहले से दी जाने वाली भरपाई राशि को 625 से घटाकर 575 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. ऐसे में जहां किसानों में रोष है. वहीं लगातार सैंपल फेल आने के चलते बाजरा की सरकारी खरीद भी शुरू नहीं हो पाई है. अब किसानों ने सरकार से मांग की है, कि भावांतर भरपाई को वापस 625 रुपये किया जाए. साथ ही बाजरा की सरकारी खरीद जल्द करने की मांग उठाई है.
आढ़ती एसोसिएशन द्वारा भी खाद्य आपूर्ति मंत्री को ज्ञापन सौंप कर जल्द से जल्द भावांतर का पैसा किसानों के खातों में डालकर बाजरा खरीद में बने नियमों में ढील देने की मांग उठाई है. बता दें कि इस बार सामान्य से अधिक बारिश होने के कारण बाजरा और कपास की फसलों की क्वालिटी गिर गई है. अब किसान अपनी फसल को मंडी लेकर पहुंच तो रहे हैं लेकिन संबंधित विभाग द्वारा सेंपल जांच में फेल होने के कारण सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई है.
फसल के फेल होने और भावांतर भरपाई में कमी होने के चलते किसान परेशान हैं. अब उन्होंने सरकार से MSP रेट पर खरीद की मांग उठाई है. आढ़ती एसोसिएशन के पदाधिकारी विनोद गर्ग ने कहा कि उनके द्वारा खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेश नागर को मांग पत्र सौंपा गया है. आश्वासन मिला है कि उनकी मांगो को जल्द ही पूरा किया जाएगा.
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किसान दया किशन और ईश्वर सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा भावांतर भरपाई जो 625 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित थी, उसको घटाकर 575 रुपए कर दिया है. ऐसे में किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. पहले बारिश से नुकसान और अब भावांतर का 50 रुपए कम कर दिया, साथ ही खरीद नहीं होने से उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मार्केट कमेटी के सचिव विजय कुमार ने फोन पर बातचीत करते हुए बताया कि बाजरा के लगातार सेपंल फेल आ रहे हैं, जिसके चलते सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पा रही है. वहीं खराब मौसम के चलते खुले में पड़ी फसलों को ढंकने वाले आढ़तियों को अवगत करवा दिया है कि अगर फसल में नुकसान होता है तो आढ़ती जिम्मेदार होंगे.
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