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देश के 150 बड़े जलाशयों में 65 प्रतिशत से भी कम बचा है पानी, इन राज्यों में हो सकती है सिंचाई की किल्लत

देश के 150 बड़े जलाशयों में 65 प्रतिशत से भी कम बचा है पानी, इन राज्यों में हो सकती है सिंचाई की किल्लत

150 प्रमुख जलाशयों की स्थिति पर केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी साप्ताहिक बुलेटिन के अनुसार, 12 राज्यों में स्तर सामान्य भंडारण स्तर से कम है, जबकि पिछले सप्ताह 11 राज्यों में पानी का जल स्तर कम था. दक्षिण भारत में तेलंगाना को छोड़कर बाकी राज्यों में भंडारण सामान्य से कम है. 

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जलाशयों में गिर रहा है पानी का जल स्तर. (सांकेतिक फोटो) जलाशयों में गिर रहा है पानी का जल स्तर. (सांकेतिक फोटो)

देश के जलाशयों में पानी का स्तर तेजी के साथ नीचे गिर रहा है. इससे आने वाले दिनों में सिंचाई की किल्लत हो सकती है. खास कर 150 प्रमुख जलाशयों के जल स्तर में लगातार नौवें सप्ताह गिरावट दर्ज की गई है. इससे जल भंडारण 178.784 बीसीएम क्षमता का 64 प्रतिशत या 115.172 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) तक गिर गया. अगर अच्छी बारिश नहीं हुई है, गिरावट इसी तरह से जारी रहेगी.

बिजनेस लाइन की रिपोर्यट के मुताबिक, जल स्तर में यह गिरावट चक्रवात मिचौंग के बावजूद तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में दर्ज की गई है. हालांकि, चक्रवात के चलते इन राज्यों में काफी भारी बारिश हुई थी. ऐसे में कहा जा रहा है कि जलाशयों में जल स्तर की स्थिति पिछले साल और पिछले 10 साल के औसत से भी कम है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 7 दिसंबर को  36 मौसम उपविभागों में से कम से कम 24 में अत्यधिक वर्षा हुई. 1 अक्टूबर से मानसून के बाद के मौसम के दौरान, देश के 713 जिलों में से 93 जिलों काभी कम बारिश हुई है. जबकि, 206 जिलों में भी औसत से कम वर्षा दर्ज की गई है. 

इन राज्यों में अधिक गिरावट

150 प्रमुख जलाशयों की स्थिति पर केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी साप्ताहिक बुलेटिन के अनुसार, 12 राज्यों में जल स्तर सामान्य भंडारण स्तर से कम है, जबकि पिछले सप्ताह 11 राज्यों में पानी का जल स्तर कम था. दक्षिण भारत में तेलंगाना को छोड़कर बाकी राज्यों में भंडारण सामान्य से कम है. जबकि केरल में जल स्तर में सुधार हुआ है. कुल मिलाकर, क्षेत्र के 42 जलाशयों में से 17 का स्तर गुरुवार तक उनकी क्षमता के 40 प्रतिशत से नीचे था. वहीं, मध्य क्षेत्र में शामिल चार राज्यों में से दो - उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ - क्रमशः सामान्य से 31 प्रतिशत और 19 प्रतिशत जलाशयों में पानी का लेवल नीचे था. हालांकि, उत्तर प्रदेश में स्थिति में एक प्रतिशत अंक का सुधार हुआ और छत्तीसगढ़ में समान अंतर से स्थिति खराब हो गई.

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झारखंड में पानी की स्थिति

मध्य प्रदेश में स्थिति एक सप्ताह पहले के 2 प्रतिशत से सुधरकर सामान्य से छह प्रतिशत अधिक हो गई और उत्तराखंड में सामान्य से 8 प्रतिशत अधिक रही. इसी तरह पश्चिमी क्षेत्र के राज्य महाराष्ट्र में स्तर एक सप्ताह पहले के 10 प्रतिशत से सुधरकर 9 प्रतिशत सामान्य से नीचे हो गया. साथ ही गुजरात में, जहां यह 35 प्रतिशत से बढ़कर 37 प्रतिशत सामान्य से ऊपर था, 49 जलाशयों में से भंडारण 29.042 बीसीएम या क्षमता का 78 प्रतिशत था, जो एक सप्ताह पहले 80 प्रतिशत था. 

पश्चिम बंगाल में जल स्तर अपरिवर्तित रहा

पर्वी क्षेत्र में, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में जल स्तर अपरिवर्तित रहा. ओडिशा और त्रिपुरा में इसमें सुधार हुआ, लेकिन नागालैंड में पिछले सप्ताह की तुलना में गिरावट आई. क्षेत्र के 23 जलाशयों में से भंडारण 14.512 बीसीएम या क्षमता का 71 प्रतिशत था - जो पिछले सप्ताह के समान था.

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मिट्टी की नमी में सुधार होगा

उत्तरी क्षेत्र के पंजाब में जल स्तर बढ़ा है, लेकिन हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में गिर गया. क्षेत्र के 10 जलाशयों में जल स्तर 13.416 बीसीएम या 19.663 बीसीएम क्षमता का 68 प्रतिशत था. इस सप्ताह आंध्र प्रदेश में नेल्लोर के पास चक्रवात मिचौंग के पहुंचने और बारिश होने से भंडारण में कुछ सुधार देखने की संभावना है. उम्मीद है कि बारिश से रबी की बुआई में मदद मिलेगी, क्योंकि इससे मिट्टी की नमी में सुधार होगा.