देश में इस वक्त त्योहारों का सीजन चल रहा है. इस त्योहारी सीजन में फल और हरी सब्जियों की मांग बढ़ जाती है. इसके कारण इस समय सब्जियों की कीमतें भी बहुत बढ़ जाती है. हालांकि इस समय देश भर के मंडियों में सब्जियों की कीमतें बढ़ी हुई है. वैसे इस सीजन में हर साल सब्जियों की कीमत बढ़ जाती है इसके पीछे की मौसमी गतिविधियां होती है, इसके अलावा इस सीजन में बाजार में सब्जियों की आवक कम हो जाती है. देश के अन्य बाजारों की तरह हैदाराबाद में भी सब्जियों की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है. इनमें कुछ सब्जियों की कीमतों में 100 फीसदी तो कुछ की कीमतों में 50 फीसदी तक का उछाल आया है.
हैदराबाद में इस सप्ताह टमाटर 100-120 रुपये प्रति किलो की दर से बिका. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार हैदराबाद की थोक सब्जी मंडियों में टमाटर 60 से 80 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. जो एक महीने पहले लगभग 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा था. वहीं प्याज की कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है. प्याज की कीमतें 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो गई है. वहीं ग्वार की खुदरा कीमत भी 100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, जो पहले 40 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही थी.
ये भी पढ़ेंः Banana cultivation: नवरात्रि में UP के केले की बढ़ी डिमांड, कश्मीर से लेकर पंजाब तक हो रही सप्लाई
किसानों और अधिकारियों ने कहा कि सितंबर की शुरुआत में विभिन्न राज्यों में हुई विनाशकारी बारिश कीमतों में बढ़ोतरी का कारण है. हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई की अगले कुछ हफ्तों के दौरान प्याज की कीमतों में कमी आ सकती है. जबकि इस महीने के अंत तक टमाटर की कीमतों में कमी आ सकती है. क्योंकि इस समय तक स्थानीय किसानों की उपज बाजार में आने लगेगी. फिलहाल टमाटर की बढ़ी हुई कीमत के कारण होटलों में टमाटर की चटनी और करी देना कम कर दिया है या बंद कर दिया है.
ये भी पढ़ेंः ओडिशा के संबलपुर जिले में फूल की खेती से बदली किसानों की किस्मत, बढ़ी कमाई
बोवेनपल्ली में डॉ. बीआर अंबेडकर सब्जी मार्केट यार्ड के चयन ग्रेड सचिव एम. वेंकन्ना ने कहा कि मार्केट यार्ड में 96 फीसदी टमाटर आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित अन्य राज्यों से आते हैं. सिर्फ 4 प्रतिशत टमाटर की आपू्र्ति ही स्थानीय किसान करते हैं. इसलिए जब भी दूसरे राज्यों में उपज कम होती है तो तेलंगाना में कीमतें बढ़ जाती हैं. दूसरे राज्यों से लाने के कारण ट्रांसपोर्ट की लागत भी बढ़ जाती है. इसलिए कीमतें और बढ़ जाती है. वेंकन्ना ने कहा कि दशहरा के बाद टमाटर की कीमतों में आंशिक रूप से कमी आने की संभावना है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today