महंगे प्याज से अभी लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है. जनवरी 2024 से पहले प्याज की कीमतों में कोई बड़ी गिरावट नहीं होने जा रही है. उत्तर प्रदेश की मंडियों में प्याज के थोक रेट में पहले के मुकाबले 20 परसेंट तक गिरावट हुई है. अब मंडी में प्याज की कीमतें 40 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है लेकिन प्याज के सस्ते होने की उम्मीद लगाए लोगों को अभी एक महीने और इंतजार करना होगा. लगातार मौसम खराब होने के चलते मंडी में प्याज की आवक कम है. इसी वजह से दाम में भी कमी नहीं आ रही है. सरकार ने भी मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि प्याज की कीमतों पर इसका कोई खास असर नहीं हुआ है.
उत्तर प्रदेश में इन दिनों प्याज की कीमतें अभी भी ऊंची बनी हुई हैं. पिछले दो महीने से महंगे प्याज को खरीदने में ग्राहकों के आंसू निकल रहे हैं. प्याज की महंगी कीमत के चलते रसोई का बजट तक बिगड़ा हुआ है. दीपावली के बाद प्याज की नई फसल आने से कीमतें कम होने का अंदाजा लगाया जा रहा था, लेकिन बेमौसम बारिश के चलते सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
लखनऊ की दुबग्गा मंडी में प्याज की कीमत अभी भी 35 से 45 रुपये प्रति किलो तक है. वही पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी पहाड़िया के व्यापारी सुरेश सिंह बताते हैं कि अभी शादियों का सीजन चल रहा है. ऐसे में प्याज की कीमतों में नरमी आने की उम्मीद कम है. दुबग्गा मंडी के बड़े प्याज व्यापारी मोहम्मद अजाज रईम बताते हैं कि 15 जनवरी 2024 से पहले प्याज के सस्ते होने की उम्मीद कम है. अगले साल जनवरी तक प्याज की नई फसल भरपूर रूप से मंडी में आ जाएगी. इसके बाद प्याज की कीमतें कम हो सकेंगी.
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प्याज की बढ़ती हुई कीमतों से राहत दिलाने के लिए सरकार ने अफगानिस्तान से सस्ते प्याज का आयात किया है. दिल्ली के रास्ते उत्तर प्रदेश की दुबग्गा मंडी में भी अफगानिस्तान का प्याज पहुंच चुका है. यह प्याज सुर्ख लाल नहीं बल्कि हल्के कलर का है. वहीं इसका आकार भी काफी बड़ा है. एक प्याज का वजन 250 से 400 ग्राम तक है.
वहीं ग्राहकों को अफगानिस्तान से आने वाले सस्ते प्याज नहीं भा रहे हैं. इस प्याज का स्वाद और महक दोनों ही ग्राहक को नहीं भा रहा है. लखनऊ की दुबग्गा मंडी में प्याज के बड़े व्यापारी मोहम्मद अजाज रईम बताते हैं कि यह प्याज भारतीय प्याज के मुकाबले 10 रुपये तक सस्ता है. मंडी में 25 से 30 रुपये प्रति किलो के भाव में यह प्याज बिक रहा है.
उत्तर प्रदेश की थोक मंडी में इन दिनों प्याज राजस्थान के अलवर और महाराष्ट्र के नासिक से आ रहा है, जबकि बेंगलुरु से आने वाले प्याज अभी मौसम खराब होने के चलते नहीं आ पा रहे हैं. बेमौसम बारिश के चलते प्याज की फसल की खुदाई किसानों ने रोक रखी है. वहीं मंडी में भी आने वाला प्याज कच्चा होने के चलते दूसरे शहरों की मंडी तक पहुंचने में खराब होने की आशंका है. प्याज के व्यापारी सुरेश सिंह का कहना है कि अभी अलवर और महाराष्ट्र से आने वाला प्याज कच्चा है. ऐसे में उनकी मंडी तक पहुंचने में चार से पांच दिन का समय लगता है. इस प्याज को ढक कर नहीं लाया जाता है. ऐसे में मौसम खराब होने से नुकसान होने का खतरा भी बना हुआ है जिससे प्याज की आवक अभी कम है.
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