ब्राउन प्लांट होपर से धान के पौधों को बचाने के लिए ये उपाय करें ओडिशा से किसान, पढ़ें IMD की सलाह

ब्राउन प्लांट होपर से धान के पौधों को बचाने के लिए ये उपाय करें ओडिशा से किसान, पढ़ें IMD की सलाह

इस समय पौधों में तना छेदक कीट, ब्राउन प्लांट होपर और पत्ती फोल्डर और कैटरपिलर का संक्रमण हो सकता है. इससे बचाव के लिए नियमित रूप से खेतों की निगरानी करते रहें. आइए जानते हैं कि इन कीटों से बचाव के लिए किसान को क्या करना चाहिए.

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ब्राउन प्लांट होपर से धान के पौधों को बचाने के लिए ये उपाय करें ओडिशा से किसान, पढ़ें IMD की सलाहकृषि सलाह (सांकेतिक तस्वीर)

ओडिशा में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जा जाती है और वर्तमान मौसम की परिस्थितियों में धान के खेतों का रोग और कीट से बचाव के लिए विशेष ध्यान देना पड़ता है. इसे देखते हुए भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की तरफ से किसानों के लिए सलाह जारी की जाती है. इन सलाहों का पालन करके रोग और कीटों के नुकसान से किसान अपनी फसल को बचा सकते हैं. धान की फसल में इस समय फूल आना शुरू हो रहे हैं. यह पौधों में सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है. इसलिए इस समय धान के खेत में 2 से तीन सेंमी का जलस्तर बनाए रखना चाहिए. 

इस समय पौधों में तना छेदक कीट, ब्राउन प्लांट होपर, पत्ती फोल्डर और कैटरपिलर का संक्रमण हो सकता है. इससे बचाव के लिए नियमित रूप से खेतों की निगरानी करते रहें. अगर खेतों में कीटों का प्रकोप दिखाई देता है तो तुरंत कीटनाशकों का छिड़काव करने जैसे एहतियाती कदम उठाएं. अगर खेतों में तना छेदक कीट का प्रकोप दिखाई देता है तो नीम का तेल 1500 पीपीएम का डेढ़ से दो लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. अगर कीट का संक्रमण अधिक है तो उससे बचाव के लिए दानेदार कीटनाशक क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 0.4 प्रतिशत जीआर का इस्तेमाल करें. 

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बीपीएच से बचाव के लिए करें यह उपाय

आने वाले दिनों में पौधों में ब्राउन प्लांट होपर का प्रकोप देखने के लिए मिल सकता है. इससे बचाव के लिए फसलों की निगरानी करें. बीपीएच से फसलों के बचाव के लिए रात से समय खेत में लाइट ट्रैप लगाएं. अगर खेत में संक्रमण अधिक दिखाई दे तब इस स्थिति में क्लोरेंट्रिनिलिप्रोल 0.4 प्रतिशत जी का चार किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें. लीफ फोल्डर का भी कुछ खेतों में इस समय संक्रमण देखा जा सकता है. इसके संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए एसीफेट 75 फीसदी एसपी का 1-2 मिली प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें. 

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परिपक्व सब्जियों की करें कटाई

सब्जियों की खेती को लेकर जारी सलाह में कहा गया है कि करेले के परिपक्व फलों की तुड़ाई करें. इसके साथ ही खेत को खरपतवार से मुक्त रखें. सब्जियों को मक्खियों के संक्रमण से मुक्त रखने के लिए मैलाथियान 1 मिली प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें. कद्दू में इस समय फूल आ रहे हैं और फल लग रहे हैं. इसलिए खेतों में जलजमाव नहीं होने दें. फल और फूल को मिट्टी के संपर्क में नहीं आने दें, क्योंकि इससे सड़न की समस्या हो सकती है. बैंगन में इस वक्त फूल और फल आ रहे हैं, इसलिए इनमें भी कीटों का प्रकोप हो सकता है. इससे बचाव के लिए खेतों की लगातार निगरानी करते रहें. 

 

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