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हरियाणा में धान खरीद में देरी को लेकर गुस्से में किसान, कई जगहों पर किया विरोध प्रदर्शन

हरियाणा में धान खरीद में देरी को लेकर गुस्से में किसान, कई जगहों पर किया विरोध प्रदर्शन

सरकार का नियम है कि जिन धान में 17 प्रतिशत तक की नमी होगी उस धान की ही खरीद एमएसपी पर की जाएगी. जिस धान में 17 प्रतिशत से अधिक नमी होगी उस धान की एमएपसी पर खरीद नहीं कि जाएगी. ऐसे में किसानों का कहना है कि उनका धान खरीद के सभी मानकों को पूरा कर रहा पर फिर भी इसकी खरीद में देरी हो रही है

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हरियाणा धान खरीद (सांकेतिक तस्वीर) हरियाणा धान खरीद (सांकेतिक तस्वीर)

हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की जा रही है. हालांकि यहां पर धान खरीद में देरी और अनियमितता का आरोप लगाकर किसानों का विरोध जारी है. इसी के तहत करनाल, इंद्री और असंध में किसानों ने धान की खरीद में हो रही देरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने विरोध करते हुए इंद्री अनाज मंडी के मेन गेट पर ताला लगा दिया. इसके अलावा करनाल में मार्केट कार्यालय के बाहर धरना दिया.  वहीं किसानों के एक अन्य समूह ने विरोध के तौर पर करनाल असंध रोड को जाम कर दिया. 

करनाल अनाज मंडी में किसानों के भारतीय किसान यूनियन के तले धरना दिया. इसके बाद सभी किसान मार्केट कार्यालय पहुंचे. इस दौरान किसानों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही कहा कि सभी किसान जरूरी नमी मानक को पूरा कर रहे हैं इसके बावजूद सरकार खरीद में तेजी लाने में विफल रही है. द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में धान की खरीद में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, हैफेड और हरियाणा राज्य भंडारण निगम सहित अनेक एजेंसियां लगी हुई हैं पर इसके बाद भी खरीद में तेजी नहीं आ रही है. इसके कारण किसानों को परेशानी हो रही है. 

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धान खरीद को लेकर सरकारी नियम

विरोध में शामिल बीकेयू के अध्यक्ष रतन मान सिंह कहते हैं कि किसान धान खरीद के सरकार के नियम से परेशान हैं. दरअसल सरकार का नियम है कि जिन धान में 17 प्रतिशत तक की नमी होगी उस धान की ही खरीद एमएसपी पर की जाएगी. जिस धान में 17 प्रतिशत से अधिक नमी होगी उस धान की एमएपसी पर खरीद नहीं कि जाएगी. ऐसे में किसानों का कहना है कि उनका धान खरीद के सभी मानकों को पूरा कर रहा पर फिर भी इसकी खरीद में देरी हो रही है या फिर नहीं खरीद जा रहा है. जिसके कारण किसानों को विरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. 

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हर साल किसानों को होती है परेशानी

बीकेयू के जिला अध्यक्ष सुरिंदर गुहमान ने ने बताया कि धान खरीद में देरी की समस्या का सामना किसानों को हर साल करना पड़ता है. क्योंकि हर साल की कहानी यही होती है. उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसल को मंडी में लाते हैं पर मिल या आढ़तियों की हड़ताल के कारण धान खरीद की प्रक्रिया रुक जाती है. इस बार भी किसानों की फसलें खुले आसमान के नीचे पड़ी हैं और कोई खरीदार नहीं दिख रहा है. अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसानों ने धरना तो खत्म कर दिया पर चेतावनी दी है कि अगर खरीद शुरू नहीं हुई हो बुधवार को महापंचायत करेंगे.