बुधवार को पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर हुए किसान विरोध प्रदर्शन में 24 साल के प्रदर्शनकारी शुभकरण सिंह की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले पर अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से भी बयान जारी किया गया है. मान ने कहा है कि शुभकरण के पोस्टमार्टम के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी. उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस का जो भी अधिकारी शुभकरण की मौत के लिए जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. शुभकरण की मौत खनौरी बॉर्डर पर पुलिस की झड़प के बाद हुई. अस्पताल की तरफ से भी इसकी पुष्टि की गई है.
पंजाब के सीएम मान ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी और कहा, ' शुभकरण फोटो खिंचवाने नहीं आया था, वह अपनी फसल का सही दाम लेने आया था.' मान सरकार की तरफ से उसके परिवार को आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया गया है. पटियाला के सरकारी मेडिकल कॉलेज और राजेंद्र अस्पताल के मेडिकल सुपरीटेंडेंट हरनाम सिंह ने कहा, 'जब उन्हें दोपहर करीब तीन बजे अस्पताल लाया गया तो वह पहले ही मर चुके थे. उनके सिर में गोली लगी थी. पोस्टमार्टम के बाद ही हमें चोट और गोली की प्रकृति के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी.'
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खनौरी बॉर्डर पर किसान अंदोलन में युवा किसान शुभकरण सिंह की हुई मौत के बाद किसान लगातार भड़के हुए हैं. शुभकरण सिंह पिछले किसान आंदोलन के दौरान किसान यूनियन में शामिल हुआ था. बीती 13 फरवरी जब भारतीय किसान एकता सिद्धपुर यूनियन के किसानों ने दोबारा प्रदर्शन करते हुए दिल्ली की तरफ अपने पैर बढ़ाए उस दिन से ही शुभ करण सिंह किसानों के साथ खनौरी बॉर्डर पर पहुंच गया था.
किसान नेताओं की मानें तो शुभकरण सिंह ने बुधवार को आंदोलन वाली जगह पर सुबह का नाश्ता भी खुद अपने साथियों की मदद से बनाया था. उसने अपने साथियों से यह भी कहा कि साथ में खाना खा लो आगे न जाने कब साथ बैठने का या खाना खाने का मौका मिले. शुभकरण दो बहनों का इकलौता भाई था.
उसके पिता चरणजीत सिंह स्कूल वैन ड्राइवर है और मां की पहले ही मौत हो चुकी है. शुभकरण, खेती के साथ पशुपालन का काम भी करता था. उसके पास खुद की साढे तीन एकड़ जमीन है. इसके अलावा उसने कुछ जानवर भी पाले हुए थे. शुभकरण के पीछे अब उसके पिता , दादी और दो बहनें हैं. एक बड़ी बहन की शादी हो चुकी है. जबकि दूसरी छोटी बहन की शादी का जिम्मा शुभकरण पर ही था.
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कांग्रेस की तरफ से भी इस घटना पर बयान दिया गया है.कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा कि खनौरी बॉर्डर पर बठिंडा के युवा किसान शुभकरण सिंह की फ़ायरिंग से मृत्यु बेहद पीड़ादायक है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अब तक 750 किसानों की जान ले ली है. कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, 'पुलिस फायरिंग के दौरान बठिंडा जिले के एक व्यक्ति को गोली लग गई, इसका एक वीडियो है और मैंने इसे देखा है. दुर्भाग्य से, ये सभी प्रदर्शनकारी पंजाब क्षेत्र में थे और उनमें से किसी ने भी कुछ गलत नहीं किया, लेकिन हरियाणा की सेनाएं शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर जिस तरह की कार्रवाई कर रही हैं, वह निंदनीय है.' उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के खिलाफ पंजाब पुलिस थाने में मामला दर्ज करने की मांग की. बाजवा का कहना है कि हरियाणा पुलिस की तरफ से हो रही फायरिंग के लिए विज ही जिम्मेदार हैं.
शुभकरण की मौत पर अस्पताल की तरफ से पुष्टि होने से पहले, हरियाणा पुलिस ने कहा कि शंभू सीमा पर झड़प में अभी तक किसी भी किसान की मौत नहीं हुई है. साथ ही पुलिस ने कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए गए दावों को सिर्फ एक अफवाह बताया. पुलिस का कहना था कि दाता सिंह-खनौरी सीमा पर दो पुलिसकर्मी और एक प्रदर्शनकारी घायल हो गए और उनका इलाज चल रहा है. किसान आंदोलन को फिलहाल दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि शुक्रवार शाम को आगे की रणनीति तय की जाएगी.
(कुणाल बंसल का इनपुट)
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