धान खरीद केंद्र (सांकेतिक तस्वीर)छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां धान बेचने के लिए टोकन न मिल पाने से तनाव में आए 65 वर्षीय किसान ने आत्महत्या की कोशिश की. यह घटना बागबाहरा विकासखंड के सेनभाठा गांव की है, जहां किसान मनबोध गाड़ा ने शनिवार सुबह अपने ही खेत में ब्लेड से अपना गला रेत लिया. परिजनों के मुताबिक, किसान बीते दो से तीन दिनों से लगातार च्वॉइस सेंटर के चक्कर काट रहा था, लेकिन तकनीकी कारणों से उसका टोकन जारी नहीं हो सका.
बताया गया कि मोबाइल नंबर अपडेट न होने के कारण सिस्टम में उसका पंजीकरण आगे नहीं बढ़ पा रहा था. किसान की धान की फसल पहले ही कट चुकी थी और घर में उसकी बेटी की शादी तय थी, जिसके लिए उसे पैसों की बेहद जरूरत थी. इसी तनाव ने उसे यह खौफनाक कदम उठाने पर मजबूर कर दिया. घटना उस वक्त हुई जब किसान सुबह मवेशियों को बाहर छोड़कर खेत की ओर गया था. कुछ समय बाद गांव के लोगों को खेत में खून से लथपथ हालत में किसान पड़ा मिला. ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और एंबुलेंस बुलवाई गई.
किसान को पहले बागबाहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से हालत गंभीर देखते हुए उसे महासमुंद मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया. वहां से भी बेहतर इलाज के लिए उसे रायपुर भेज दिया गया, जहां उसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुई है. प्रशासन की ओर से इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है. बागबाहरा की एसडीएम नमिता मरकोले ने बताया कि किसान के पास करीब एक एकड़ जमीन दर्ज है.
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, किसान अभी तक सीधे संबंधित सहकारी समिति में जाकर टोकन लेने नहीं पहुंचा था और च्वॉइस सेंटर के माध्यम से प्रयास कर रहा था. उन्होंने कहा कि टोकन मोबाइल ऐप, सहकारी समिति और च्वॉइस सेंटर तीनों माध्यमों से लिया जा सकता है. फिलहाल जांच में किसी भी प्रकार की प्रशासनिक लापरवाही के स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं. इस घटना के बाद राज्य की राजनीति भी गरमा गई है.
पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने इस मामले को लेकर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि धान खरीदी व्यवस्था की अव्यवस्था ने किसानों को इस हद तक तोड़ दिया है कि वे आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं. बघेल ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार की नीतियों के कारण किसान बदहाल स्थिति में पहुंच गया है.
वहीं, प्रशासन का कहना है कि धान खरीदी की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है और किसी को भी टोकन लेने में परेशानी नहीं होनी चाहिए. फिर भी इस मामले की हर स्तर पर जांच की जा रही है, ताकि यह साफ हो सके कि तकनीकी चूक कहां हुई और किसान को समय पर मदद क्यों नहीं मिल पाई. (पीटीआई)
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