Agriculture Issue: लैब और खेत का फासला मिटाकर ही होगा किसानों का असली विकास- कृषि मंत्री शिवराज सिंह

Agriculture Issue: लैब और खेत का फासला मिटाकर ही होगा किसानों का असली विकास- कृषि मंत्री शिवराज सिंह

Agriculture Issue: केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के तहत किसानों के उत्थान पर जोर दिया है. उनका मानना है कि जब तक कृषि अनुसंधान प्रयोगशालाओं (लैब) में विकसित उन्नत तकनीकें और वैज्ञानिक पद्धतियां किसानों के खेतों तक नहीं पहुँचेंगी, तब तक वास्तविक विकास संभव नहीं है.चौहान ने 'लैब टू लैंड' मॉडल की वकालत करते हुए कहा कि ICAR के वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर किसानों से सीधा संवाद कर रहे हैं, ताकि किसान आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाकर अपनी उत्पादन लागत कम करें और उपज का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें. किसानों को'विकसित भारत' के संकल्प से जोड़ने की दिशा में एक अहम कदम है.

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लैब और खेत का फासला मिटाकर ही होगा किसानों का असली विकास- कृषि मंत्री शिवराज सिंह केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'किसान तक' से की खास बातचीत

Agriculture Issue: भारत सरकार कृषि मंत्रालय का भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने देश भर में खास पहल शुरू की है. 'विकसित कृषि संकल्प अभियान'. यह अभियान 29 मई से 12 जून तक पूरे देश में चलाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक तकनीकों, सरकारी योजनाओं और आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी देकर सशक्त बनाना है. इस दौरान ICAR के वैज्ञानिको की टीम गांव-गांव जाकर किसानों से सीधा बात कर रहे हैं, जिसका लक्ष्य 1.5 करोड़ से अधिक किसानों तक पहुंचकर उन्हें उन्नत बीज, मृदा स्वास्थ्य, जल प्रबंधन, फसल विविधीकरण और मूल्य वर्धन जैसी अहम जानकारियां प्रदान करना है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद 20 राज्यों का दौरा कर रहे हैं ताकि किसानों से सीधे जुड़कर ‘विकसित भारत के लिए विकसित कृषि’ के संकल्प को साकार किया जा सके. यह अभियान कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. 5 जून को, पंजाब के पटियाला के अमरगढ़ में एक फार्म मशीनरी कंपनी के सदस्यों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'किसान तक' के सीनियर एग्रीकल्चर जर्नलिस्ट जे.पी. सिंह से विशेष बातचीत की... 

सवाल- कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' की शुरुआत का विचार आपको कैसे आया? इसके पीछे आपकी सोच और उद्देश्य क्या है.

कृषि मंत्री शिवराज सिंह- आज भी कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. देश की 145 करोड़ आबादी को पौष्टिक आहार देना हमारी पहली जिम्मेदारी है. दूसरा, जो किसान ये अनाज, फल और सब्जियां उगाते हैं, उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना हमारा कर्तव्य है. क्योंकि आज भी देश की करीब 50 प्रतिशत आबादी खेती पर निर्भर है. आने वाले वर्षों में भी कृषि, अर्थव्यवस्था और रोजगार का मुख्य आधार बनी रहेगी. इसीलिए हमें खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी है, किसान को लाभ भी पहुंचाना है, धरती को सुरक्षित रखना है और दुनिया का पेट भी भरना है."प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है 'विकसित भारत' के लिए 'विकसित कृषि' और 'समृद्ध किसान' ज़रूरी हैं. इसी दिशा में हमें उत्पादन बढ़ाना है, लागत घटानी है और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना है. इसके लिए बीज, ड्रिप सिंचाई, मशीनीकरण और आधुनिक तकनीकों पर एक साथ काम करना होगा. आज कुछ फसलें हमारे पास अधिक हैं, कुछ बहुत कम. दालें और तिलहन उत्पादन भी बढ़ाना ज़रूरी है. साथ ही, एक्सपोर्ट क्वालिटी के अनाज, फल और सब्जियां भी चाहिए. इसके लिए हमारे ICAR के 16,000 से अधिक वैज्ञानिक दिन-रात काम कर रहे हैं." लेकिन मैंने महसूस किया कि लैब और खेत के बीच एक गैप है. जब तक रिसर्च का लाभ सीधे किसान तक नहीं पहुंचेगा, बात अधूरी रहेगी. इसीलिए 'Lab to Land' मॉडल के तहत केंद्र, राज्य, वैज्ञानिक, कृषि विभाग, केवीके (कृषि विज्ञान केंद्र) और यूनिवर्सिटी को एक मंच पर लाकर 'एक देश, एक कृषि, एक टीम' की सोच लेकर चल रहे हैं. जब सब मिलकर एक दिशा में काम करेंगे, तभी हम अपने सारे लक्ष्य हासिल कर पाएंगे."

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से 'किसान तक' से खास बातचीत
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से 'किसान तक' से खास बातचीत


सवाल -आपने इस साल कुलपति और ICAR निदेशकों के सम्मेलन में कहा था कि देश के 5 ट्रिलियन इकोनॉमी लक्ष्य  में 1 ट्रिलियन एग्रीकल्चर का लक्ष्य रखा है और 5 फीसदी कृषि विकास दर हासिल करने की बात कही थी. इसके लिए सरकार ने कौन-सी रणनीति और रोडमैप तय किया है ?

कृषि मंत्री शिवराज सिंह -हमारा उद्देश्य है कि किसान वैज्ञानिक पद्धति से खेती करें, अपनी मिट्टी की सेहत के मुताबिक खाद और बीजों का चयन करें, और उन्नत किस्म के बीज अपनाएं. इसी दिशा में 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' शुरू किया गया है, ताकि उत्पादन बढ़े, लागत घटे और किसानों की आय में सुधार हो. मुझे खुशी है कि इस साल की चौथी तिमाही में कृषि क्षेत्र ने 5.4% की विकास दर दर्ज की है. जबकि वैश्विक स्तर पर अगर कृषि में 1.5 फीसदी  से 2 फीसदी ग्रोथ भी होती है, तो उसे बड़ी उपलब्धि माना जाता है. हमारा संकल्प है कि इसी गति को बनाए रखते हुए आने वाले वर्षों में इसे और आगे बढ़ाएं.

सवाल -देश के 86% किसान छोटे और सीमांत हैं. इनके विकास के बिना देश का समग्र विकास संभव नहीं. ऐसे में इन किसानों की आय और जीवनस्तर बढ़ाने के लिए सरकार की क्या रणनीति है?

कृषि मंत्री शिवराज सिंह -देश के छोटे और सीमांत किसानों के लिए 'विकसित भारत' का विशेष संकल्प है. उनके विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर अनेक योजनाएं चला रही हैं ,जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ड्रिप) योजना, बागवानी के लिए सब्सिडी और कृषि यंत्रीकरण योजना. खास बात यह है कि मैकेनाइजेशन में भी छोटे किसानों की जोत और जरूरत के अनुसार कम लागत वाले, छोटे और सुविधाजनक कृषि यंत्र विकसित किए जा रहे हैं, ताकि वे भी आधुनिक खेती से जुड़ सकें और उनकी आय में बढ़ोतरी हो.

सवाल  -देशभर में ICAR से फंडेड 731 कृषि विज्ञान केंद्र संचालित हो रहे हैं. लेकिन बताया जा रहा है कि इनमें दो तरह के सेवा नियम लागू हैं, जिससे अधिकांश कृषि विज्ञान केंद्रों में कार्यरत वैज्ञानिकों में असंतोष है. क्या सरकार इस व्यवस्था को एक समान बनाने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाने जा रही है?

कृषि मंत्री शिवराज सिंह - कृषि विज्ञान केंद्रों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए सकारात्मक पहल की जाएगी. इस विषय पर वर्तमान में चर्चा और परिचर्चा चल रही है.

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