World Environment Day 2025: हर साल इस दिन मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस, धरती को नुकसान पहुंचा रही ये 5 चीजें

World Environment Day 2025: हर साल इस दिन मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस, धरती को नुकसान पहुंचा रही ये 5 चीजें

पर्यावरण की ये पांच समस्याएं हमारी जिंदगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए खतरा हैं. यदि हम अभी नहीं जागेंगे और इन मुद्दों पर काम नहीं करेंगे, तो परिणाम भयानक होंगे. सरकारों, उद्योगों और आम लोगों को मिलकर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कदम उठाने होंगे. हर छोटे-छोटे प्रयास से हम अपनी धरती को बचा सकते हैं.

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हर साल इस दिन मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस, धरती को नुकसान पहुंचा रही ये 5 चीजेंपर्यावरण को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी (World Environment Day 2025)

आज की दुनिया में पर्यावरण की रक्षा करना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है. तेजी से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण और प्राकृतिक संसाधनों का अनियंत्रित उपयोग हमारी धरती को गंभीर खतरे में डाल रहा है. जिसके कारण पर्यावरण पर खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके पीछे बेमौसम बारिश, अत्यधिक गर्मी और ठंड का कम होना कुछ मुख्य कारण हैं. आज हम इन कारणों के पीछे के कारणों पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि आज पर्यावरण की स्थिति इतनी खराब क्यों है. साथ ही आज विश्वभर में वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे मनाया जा रहा है. 

वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे 2025

तेजी से बदलती इस दुनिया में तकनीकी विकास के कारण जीवन काफी आसान हो गया है लेकिन बदले में इसका पर्यावरण पर बुरा असर पड़ा है. पर्यावरण की रक्षा करना हर किसी का कर्तव्य है. यह धरती के भविष्य और आने वाली पीढ़ी के लिए भी जरूरी है. हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. 

विश्व पर्यावरण दिवस की थीम

हर साल विश्व दिवस एक थीम के साथ मनाया जाता है. इस साल की थीम प्लास्टिक प्रदूषण पर आधारित है. इसका फोकस साल 2025 तक प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने पर है. इस बार यह दिवस बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन के साथ मनाया जाएगा.

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1. जल प्रदूषण (Water Pollution)

जल प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो नदियों, झीलों और समुद्रों के पानी को जहरीला बना रहा है. फैक्ट्रियों से निकलने वाले रसायन, प्लास्टिक, और घरेलू कूड़ा-कचरा पानी को प्रदूषित करते हैं. इससे न केवल पानी में रहने वाले जीवों की जान खतरे में पड़ती है, बल्कि इंसानों को भी साफ पानी उपलब्ध नहीं होता. जल प्रदूषण को रोकने के लिए हमें कचरे को कम करने और सही जगह पर फेखने और रासायनिक प्रदूषण पर रोक लगाने की जरूरत है.

2. वायु प्रदूषण (Air Pollution)

शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का कारण धुआं, धूल और जहरीली गैसें हैं. गाड़ियों, कारखानों और जलते ईंधन से निकलने वाला हानिकारक धुआँ हवा को दूषित करता है. इससे सांस संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं और ग्लोबल वार्मिंग भी बढ़ रही है. साफ हवा पाने के लिए साफ ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना और कम गाड़ियों का चलना बहुत ज़रूरी है.

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3. जंगलों की कटाई (Deforestation)

जंगल हमारे पर्यावरण के फेफड़े हैं. लेकिन तेजी से बढ़ती आबादी और उद्योगों के लिए जंगलों की कटाई हो रही है. इससे ना सिर्फ जानवरों के रहने का जगह खतम हो रहा है, बल्कि जमीनें भी बंजर हो रही है और जलवायु परिवर्तन की समस्या बढ़ रही है. जगलों की कटाई रोकना और पेड़ लगाना पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक कदम हैं.

4. पानी की कमी (Water Scarcity)

पानी की कमी विश्व के कई हिस्सों में एक बड़ा संकट बन चुकी है. बढ़ती जनसंख्या और पानी के अंधाधुंध उपयोग से साफ पानी की कमी हो रही है. खेती और उद्योग भी पानी के बड़े उपभोक्ता हैं, जिससे पेयजल संकट गहरा रहा है. हमें पानी की बचत करनी होगी और उसे प्रदूषित होने से बचाना होगा.

5. जलवायु परिवर्तन (Climate Change)

ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन आज सबसे बड़ी पर्यावरणीय समस्या है. ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ने से धरती का तापमान बढ़ रहा है, जिससे बर्फ पिघल रहे हैं, समुद्र का स्तर बढ़ रहा है, और अनियमित मौसम की स्थिति बन रही है. इसे रोकने के लिए हर देश को अपनी ऊर्जा नीति बदलनी होगी और पर्यावरण के अनुकूल उपाय अपनाने होंगे.

विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास

विश्व पर्यावरण दिवस हर साल विश्व स्तर पर मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना वर्ष 1972 में हुई थी. वर्ष 1972 में स्वीडन के स्टॉकहोम में मानव पर्यावरण पर सम्मेलन (स्टॉकहोम कॉन्फ्रेंस ऑन ह्यूमन एनवायरनमेंट) का आयोजन किया गया था. इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. इस दिन को पहली बार वर्ष 1973 में मनाया गया था.

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