किसानों के मन में ये धारणा बैठी हुई है कि उन्हें अपनी उपज का सही दाम सिर्फ और सिर्फ मंडी में मिल सकता है. यही वजह है कि किसान अधिक से अधिक अपनी उपज को मंडी में पहुंचाना चाहता है. मंडी में जल्दी पहुंचने और जल्दी उपज बेचने के झंझट में उसे कभी-कभी भारी नुकसान उठाना पड़ता है, क्योंकि भागम-भाग में उपज खराब हो जाती है. फिर मंडी में एजेंट या आढ़ती औने-पौने दाम पर उपज बेचने को मजबूर करते हैं. अंत में किसान मंडी से अपना माल वापस लाने के बजाय जैसे-तैसे दाम पर बेच कर फारिग हो जाते है. लेकिन क्या आपको पता है कि मंडी के अलावा भी किसान अपनी उपज का सही दाम ले सकते हैं. इसका नाम है WDRA यानी वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट रेगुलेटरी अथॉरिटी.
किसान WDRA की ओर से संचालित गोदामों में अपनी उपज को रखकर बड़ा लाभ कमा सकते हैं. इन गोदामों में उपज रखने के कई फायदे हैं. सबसे बड़ा फायदा ये है कि गोदाम में कृषि उपज रखने पर डिजिटल वेयरहाउस रसीद मिलती है जिससे किसान के कई काम एक साथ हो सकते हैं. इस रसीद की बदौलत किसान अपनी उपज पर लोन ले सकता है और जरूरी काम निपटा सकता है. इस वेयरहाउस में अपनी उपज को सुरक्षित रखा जा सकता है और सही समय पर उसकी बिक्री कर अच्छा दाम पाया जा सकता है.
WDRA के गोदामों में अपनी उपज को रखने से उसकी क्वालिटी मेंटेन रहती है और बाद में उसे निकाल कर बाजार में बेचने पर अधिक मुनाफा मिलता है. गोदाम में रखे गए हर कृषि उत्पाद की क्वालिटी की जांच की जाती है और उसी आधार पर उसकी ग्रेडिंग की जाती है. इसलिए किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य और बाजार का भरोसा मिलता है. खरीदार को पता चल जाए कि माल WDRA गोदाम से निकला है तो उसे वह अच्छा दाम देकर खरीदता है क्योंकि उसे क्वालिटी का भरोसा रहता है.
WDRA को किसान का भरोसेमंद वेयरहाउस बताया जाता है क्योंकि यह पूरी तरह से सरकार से रजिस्टर्ड और सुरक्षित गोदाम होता है. इन गोदामों में फसल का सही रख-रखाव किया जाता है. उचित पैमाने का ध्यान रखते हुए फसलों का रख-रखाव किया जाता है. जो किसान इन गोदामों में अपनी फसल को जमा रखता है, उसे डिजिटल eNWR की सुविधा मिलती है. यह एक तरह की डिजिटल रसीद होती है जिसके आधार पर किसान अपनी उपज पर आसान लोन और बेहतर दाम पा सकता है.
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