मध्य प्रदेश के 35,000 किसानों की बदलेगी जिंदगी, ASA और वॉलमार्ट का बड़ा कदम

मध्य प्रदेश के 35,000 किसानों की बदलेगी जिंदगी, ASA और वॉलमार्ट का बड़ा कदम

वॉलमार्ट फाउंडेशन और ASA की साझेदारी में मध्य प्रदेश के 35,000 छोटे किसानों, खासकर आदिवासी समुदायों की आमदनी बढ़ाने और सतत खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा किसान कल्याण प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. जानिए कैसे यह पहल किसानों के जीवन में बदलाव ला रही है.

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मध्य प्रदेश के 35,000 किसानों की बदलेगी जिंदगी, ASA और वॉलमार्ट का बड़ा कदमकिसानों के लिए उठाया गया बड़ा कदम

एक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट (ASA) ने वॉलमार्ट फाउंडेशन के सहयोग से मध्य प्रदेश में किसानों की भलाई के लिए एक नई पहल शुरू की है. इस परियोजना का दूसरा चरण अब शुरू हो चुका है, जिसका उद्देश्य है 35,000 छोटे किसानों, खासकर आदिवासी समुदायों की आर्थिक स्थिति को सुधारना. इस पहल का मकसद है किसानों को बेहतर खेती के तरीके सिखाना, प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करना और गांवों में मजबूत संस्थाएं बनाना, ताकि किसानों को लंबे समय तक आर्थिक फायदा मिल सके.

पहले चरण की उपलब्धियां

इस परियोजना का पहला चरण बहुत सफल रहा. इसमें किसानों को संगठित करने और उन्हें प्रशिक्षण देने पर विशेष ध्यान दिया गया. इस दौरान सात किसान उत्पादक संगठन (FPOs) बनाए गए, जिन्होंने मिलकर 70,000 क्विंटल से ज्यादा फसलें बाज़ार में बेचीं. ASA ने 30,000 से ज्यादा किसानों को आधुनिक खेती की तकनीकों में प्रशिक्षण दिया, जिसमें सब्ज़ी की खेती और एग्रो-फॉरेस्ट्री शामिल थीं. इसके अलावा, Ploughman Agro Pvt Ltd की मदद से किसानों को 80 मिलियन रुपये का कर्ज़ भी दिलवाया गया. साथ ही, 10,500 किसानों को जल संरक्षण तकनीकें अपनाने में मदद मिली. इन सभी प्रयासों का सीधा असर किसानों की आमदनी पर पड़ा और उन्होंने 25 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी महसूस की. साथ ही, जिन FPOs की स्थापना की गई, उनका वार्षिक टर्नओवर 45 से 60 मिलियन रुपये तक पहुंचा.

दूसरे चरण में क्या है योजना

अब परियोजना के दूसरे चरण में और भी बड़े लक्ष्य तय किए गए हैं. इस बार ASA का लक्ष्य है कि 75,000 हेक्टेयर जमीन को पुनर्योज्य खेती (regenerative farming) के अंतर्गत लाया जाए. इसका मतलब है कि खेती ऐसी हो जिससे मिट्टी, पानी और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे. इसके अलावा, फसल की उत्पादन दर को 124% से बढ़ाकर 200% तक ले जाने की योजना है, ताकि किसान साल में दो बार या उससे ज्यादा बार फसल ले सकें. साथ ही, FPO सदस्यों की संख्या 7,800 से बढ़ाकर 13,500 करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 160 मिलियन रुपये का वर्किंग कैपिटल जुटाया जाएगा, जिससे किसानों को खेती में लगातार मदद मिलती रहे और उनकी आमदनी स्थिर बनी रहे.

परियोजना पर क्या बोले प्रतिनिधि

ASA की निदेशक जी. जयंती का कहना है कि, “हम किसानों को सिर्फ आज के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अवसर देने का काम कर रहे हैं. टिकाऊ खेती और बाज़ार तक सीधी पहुंच देकर हम उनके जीवन में असली बदलाव ला रहे हैं.” वहीं, वॉलमार्ट.ऑर्ग के सामाजिक और पर्यावरणीय सलाहकार निशांत गुप्ता ने कहा कि, “ASA के साथ हमारी साझेदारी का मकसद है छोटे किसानों को, खासकर महिलाओं को, आर्थिक रूप से मजबूत बनाना. FPOs को मज़बूत बनाकर हम गांवों की समग्र प्रगति को बढ़ावा दे रहे हैं.”

ASA का परिचय

ASA (Action for Social Advancement) एक गैर-सरकारी संस्था है, जो 1996 में स्थापित की गई थी. इसका मकसद है छोटे किसानों के लिए खेती पर आधारित आजीविका के अवसर बढ़ाना. आज ASA 8 राज्यों में काम कर रही है और इसके पास 350 से ज़्यादा पेशेवरों की टीम है. यह संस्था किसानों को तकनीकी सहायता, संसाधनों की सुविधा और बाज़ार से जुड़ाव दिलाने में मदद करती है.

वॉलमार्ट फाउंडेशन और ASA की यह साझेदारी मध्य प्रदेश के हजारों किसानों की ज़िंदगी बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस परियोजना से न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ रही है, बल्कि खेती को टिकाऊ, जल स्रोतों को सुरक्षित, और गांवों की संस्थाओं को मजबूत किया जा रहा है. यह पहल यह साबित करती है कि सही दिशा में किया गया सहयोग, छोटे किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है.

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