Mau Spice Market भारत में मसालों के लिए केरल दुनियाभर में मशहूर है और इसे अक्सर 'स्पाइस गार्डन ऑफ इंडिया' भी कहा जाता है. वैसे तो देश में कई ऐसी जगहें हैं जो अपने इतिहास, संस्कृति या किसी खास उत्पाद के कारण खास नामों से जानी जाती हैं. वहीं अगर हम आपको यह बताएं कि मसालों के लिए उत्तर प्रदेश का एक जिला भी काफी मशहूर है तो शायद आप चौंक जाएंगे लेकिन यह सच है. यूपी का एक जिला भी मसालों से जुड़ी अपनी अनोखी पहचान के कारण पूरे देश में प्रसिद्ध है. जिले की बिजी मंडियों, लंबे समय से चलती आ रही व्यापारिक परंपरा और किसानों और व्यापारियों के गहरे संबंध भी हर समय चर्चा का विषय रहते हैं. आज हम आपको यूपी के उस जिले के बारे में बताते हैं जो मसालों के लिए इतना मशहूर है कि उसे एक खास उपाधि तक मिली हुई है.
उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जो देश के उत्तरी हिस्से में स्थित है. यह अपनी समृद्ध संस्कृति, इतिहास और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. ताजमहल, वाराणसी और अयोध्या जैसे ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल इसकी पहचान को और खास बनाते हैं. राज्य की राजधानी लखनऊ है, जो अपनी तहजीब, विरासत और खानपान के लिए जानी जाती है. उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है, जबकि सेवा क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण राज्यों में से एक बन गया है.
राज्य का मऊ जिला जो पूर्वी उत्तर प्रदेश की एक खास जगह है अपने मसाला उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. यह खास तौर पर बड़ी मात्रा में लाल मिर्च पाउडर बनाने के लिए जाना जाता है. जिले का इतिहास बहुत पुराना है, जो मुगल काल से जुड़ा हुआ है. बाद में ब्रिटिश शासन के दौरान यह व्यापार और मिलिट्री सेंटर के तौर पर विकसित हुआ. मसालों की ट्रेडिंग में इसकी भूमिका इतनी बड़ी है कि मऊ को अब City of Spices तक कहा जाने लगा है. यहां से लाल मिर्च पाउडर उत्तर भारत ही नहीं, बल्कि पूरे देश में भेजा जाता है. कई बड़े ब्रांड भी मऊ की मिर्च का उपयोग करते हैं.
मऊ जिला बड़ी मात्रा में लाल मिर्च पाउडर का उत्पादन करता है, जो पूरे भारत में बेहद लोकप्रिय है. मऊ की मिट्टी और जलवायु ऐसी है कि यहाँ लाल मिर्च की खेती बहुत अच्छी होती है. तेज धूप और सूखा मौसम मिर्च को सुखाने और पाउडर बनाने के लिए आदर्श माना जाता है. यहां लाल मिर्च पाउडर बहुत बड़ी मात्रा में तैयार किया जाता है. मिर्च का रंग गाढ़ा लाल होता है और तीखापन भी काफी ज्यादा होता है, इसलिए देशभर में इसकी मांग अधिक है. मऊ की मसाला मंडियां कई दशकों से सक्रिय हैं. यहां किसानों, व्यापारियों और प्रोसेसिंग यूनिट्स का नेटवर्क मजबूत है, जिसकी वजह से मिर्च का व्यापार फल-फूल रहा है.
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