PAU Oats पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (PAU) पहली देसी ओट्स फसल की वैरायटी को डेवलप करके एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. यह वैरायटी अच्छी क्वालिटी का चारा और बढ़िया अनाज देती है और इस तरह से दोहरा मकसद पूरा होता है. इस वैरायटी के नतीजे इतने बेहतर मिले हैं कि भारत सरकार ने इसके 36 क्विंटल ब्रीडर बीज के लिए ऑर्डर दिया है. यह ऑर्डर इसकी नई फसल की जबरदस्त डिमांड की तरफ इशारा करता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पीएयू के प्लांट ब्रीडिंग और जेनेटिक्स डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल ब्रीडर राहुल कपूर ने बताया है कि OL16 भारत में डेवलप की गई पहली अच्छी क्वालिटी वाली ओट्स वैरायटी है. यह वैरायटी इसलिए बेहतर है क्योंकि अभी मार्केट में मिलने वाले ज्यादातर ओट्स आयात किए जाते हैं. पंजाब में खेती के लिए पीएयू ने OL 16 वैरायटी की सलाह दी है. यूनिवर्सिटी का कहना है कि इससे किसानों को काफी फायदे होंगे.
पीएयू के अनुसार इसकी बुआई के 65-70 दिन बाद काटने पर फसल से बहुत अच्छा चारा मिलता है. अगर इसे दोबारा उगने दिया जाए तो पौधा, मीडियम-लंबा और अच्छी क्वालिटी के ओट्स के दाने देता है. फसल से हर एकड़ में औसतन 90 क्विंटल चारा मिलता है. साथ ही हर एकड़ में 7.6 क्विंटल अनाज भी मिलता है.
राहुल कपूर ने OL16 के न्यूट्रिशनल फायदों के बारे में भी बताया है. उन्होंने बताया कि इसमें मौजूद बीटा ग्लूकैन की मात्रा इंटरनेशनल क्वालिटी वाले ओट्स के लिए बहुत जरूरी है. बीटा ग्लूकैन की मात्रा के लिए इंटरनेशनल क्वालिटी की जरूरत 5 फीसदी से ज्यादा है. OL16 की जो बात सबसे खास है वह है इसमें सिर्फ 5.5 फीसदी बीटा ग्लूकेन का होना. यह इसे दिल के लिए अच्छा बनाता है क्योंकि ये कंपाउंड खराब कोलेस्ट्रॉल से जुड़े होते हैं.
पीएयू पिछले 11 साल से OL सीरीज के तहत ओट्स की फसलों को बेहतर बनाने पर काम कर रहा है. हालांकि विभाग ने बाद की वैरायटी, जैसे OL17, डेवलप की हैं. मगर OL16 अभी अपने ज्यादा ग्लूकेन कंटेंट और दोहरे फायदों की वजह से फायदेमंद है. पीएयू के वाइस-चांसलर सतबीर सिंह गोसल ने कहा कि ये दोहरे मकसद वाली वैरायटी, जो अच्छी क्वालिटी का चारा और अनाज दोनों ही उपलब्ध कराती है. ऐसे में इसमें गेहूं और धान जैसी पारंपरिक फसलों के अलावा 'खेती के लिए बहुत बड़ा बदलाव लाने की क्षमता' है.
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