देश में डिजिटल ट्रांजेक्शंस की रफ्तार में कई गुना बढ़ोतरी हो चुकी है. पेमेंट का ये आसान जरिया शहरों में लोकप्रिय होने के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार की अपार संभावनाओं को दिखा रहा है. एक सर्वे में दावा किया गया है कि दो-तिहाई से ज्यादा लोग इसका लगातार इस्तेमाल करते हैं. यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI ने भारत में डिजिटल लेनदेन को एकदम बदलकर रख दिया है. UPI के असर से डिजिटल ट्रांजेक्शंस की दुनिया में हुए बदलाव की जानकारी सेंटर फॉर रैपिड इनसाइट्स यानी CRI के एक सर्वे में निकलकर सामने आई है.
CRI ने 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 2100 लोगों के साथ मोबाइल फोन सर्वे किया है. इस सर्वे के मुताबिक करीब दो तिहाई लोगों ने UPI का इस्तेमाल किया है. सर्वे में शामिल कुल लोगों में से 68 परसेंट दुकानों पर भुगतान के लिए इसका यूज करते हैं.
इस सर्वे में महिला और पुरुषों के UPI इस्तेमाल का भी विस्तार से जिक्र किया गया है. कहा गया है कि 70 फीसदी पुरुष UPI यूज करते हैं जो महिलाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा है. हालांकि दुकानों पर इस्तेमाल के लिए 62 परसेंट पुरुषों ने और 59 फीसदी महिलाओं ने UPI का इस्तेमाल किया है. एक हालिया डेटा के मुताबिक भारत में 78 फीसदी पुरुषों और केवल 64 फीसदी वयस्क महिलाओं के पास मोबाइल फोन है.
इस सर्वे में UPI के अलग अलग कामों में किए गए इस्तेमाल पर भी नजर डाली गई है. इसमें कहा गया है कि 15 फीसदी लोगों ने UPI का इस्तेमाल ऑनलाइन शॉपिंग के लिए किया. 17 परसेंट ने UPI से दोस्तों और परिवार को पैसे ट्रांसफर किए. जबकि 6 फीसदी लोगों ने UPI का यूज बिल भरने के लिए किया.
UPI के इस्तेमाल पर इस सर्वे में और NPCI के डेटा से जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक अब UPI छोटे लेनदेन की तेजी से जगह लेता जा रहा है. इनमें रेमिटेंस, अलाउंस और रेंट का भुगतान करना शामिल है. इस सर्वे में शामिल लोगों में से एक तिहाई UPI का इस्तेमाल नहीं करते हैं. इनमें से 70 फीसदी ग्रामीण इलाकों में रहते हैं. 20 परसेंट लोग सेमी अर्बन इलाकों में और 10 फीसदी शहरी इलाकों में रहते हैं.
इस आंकड़े के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि ग्रामीण इलाकों में UPI के विस्तार की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. सैंपल साइज छोटा होने की वजह से सुझाव भी दिया गया है कि UPI की ग्रोथ के लिए इससे जुड़े ज्यादा फैक्ट्स निकालने के लिए ये एक बड़ी स्टडी की जाए. इससे डिजिटल ट्रांजेक्शंस की दुनिया को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के साथ ही सुरक्षित और आसान बनाना मुमकिन हो सकता है. (आजतक ब्यूरो)
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