
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) की तरफ से भारत के एडीबल ऑयल इंपोर्ट के ताजा आंकड़ें आए हैं. SEA के अनुसार नवंबर में भारत का वेजिटेबल ऑयल इंपोर्ट महीने-दर-महीने 11 प्रतिशत और पिछले साल की तुलना में 28 प्रतिशत कम हो गया है. इसी साल जून में सरकार क्रूड एडीबल ऑयल इंपोर्ट पर ड्यूटी को खत्म कर दिया गया था. सरकार की तरफ से को कम करके 16.5 फीसदी कर दिया था. साथ ही रिफाइंड तेलों पर ड्यूटी 37.75 प्रतिशत पर बनाए रखी थी. इसका भी सीधा असर आयात पर नजर आने लगा है.
आंकड़ों पर अगर यकीन करें तो रिफाइंड, ब्लीच्ड और डियोडोराइज्ड (RBD) पाम ऑयल की शिपमेंट घटकर 3,500 टन रह गई है और इस वजह से ही ऑयल इंपोर्ट में कमी आई है. नवंबर में कच्चे सूरजमुखी और डीगम्ड सोयाबीन तेल का इंपोर्ट भी कम हुआ, जबकि कच्चे पाम तेल का इंपोर्ट बढ़ा. कम आयात के चलते 1 दिसंबर तक खाने के तेल का स्टॉक घटकर 1.62 लाख टन हो गया, जबकि 1 नवंबर को यह 1.73 लाख टन था. इस स्टॉक में 1.02 लाख टन कच्चा पाम तेल, कच्चा पाम कर्नेल तेल (0.62 लाख टन), आरबीडी पामोलिन (7,000 टन), डीगम्ड सोयाबीन तेल (265,000 टन), कच्चा सूरजमुखी तेल (125,000 टन) और रेपसीड तेल (6,000 टन) शामिल है.
SEA ने एक बयान में कहा, 'रिफाइंड तेल का अनुपात 19 प्रतिशत से घटकर 0.30 प्रतिशत हो गया, जबकि कच्चे पाम तेल का अनुपात (पाम ग्रुप के तेलों में) 81 प्रतिशत से बढ़कर 99.7 प्रतिशत हो गया.' नवंबर में, पाम आयॅल्स का इंपोर्ट एक साल पहले के 842,872 टन से घटकर 632,341 टन हो गया. हालांकि, सॉफ्ट ऑयल के इंपोर्ट में कमी के कारण वेजिटेबल ऑयल शिपमेंट में इसका हिस्सा 52 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया. इस दौरान सॉफ्ट ऑयल का इंपोर्ट 770,763 टन से घटकर 518,614 टन हो गया.
इंडोनेशिया और मलेशिया की तरफ से भारत को आरबीडी पामोलिन और क्रूड पाम ऑयल सबसे ज्यादा सप्लाई किया गया था. नवंबर में, मलेशिया क्रूड पाम ऑयल (301,273 टन) का मुख्य सप्लायर था, उसके बाद इंडोनेशिया (123,456 टन) और RBD पामोलिन (3,500 टन) का नंबर था. SEA ने कहा कि डीगम्ड सोयाबीन तेल के मामले में, भारत ने मुख्य रूप से अर्जेंटीना (235,680 टन) से इंपोर्ट किया, उसके बाद ब्राजील (50,062 टन) और चीन (69,919 टन) का नंबर था. क्रूड सूरजमुखी तेल मुख्य रूप से रूस (74,020 टन) से सोर्स किया गया, उसके बाद अर्जेंटीना (34,933 टन) और यूक्रेन (20,000 टन) का नंबर था.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today