बाजार में तरह-तरह की ताजा हरी कद्दूवर्गीय सब्जियां मिलती हैं. इन्हीं में से एक है ककोरा. इसका वानस्पतिक नाम मोमोर्डिका डाइओका है. आम भाषा में इसे वन करेला, मीठा करेला, कंटोला, करटोली आदि नामों से भी जाना जाता है. यह सब्जी करेला प्रजाति की है, लेकिन यह करेले जैसी कड़वी नहीं होती है. ककोरा एक बेल पर लगने वाली सब्जी है. इसका रंग हरा होता है. जब यह पकती है, तो यह हल्की पीली हो जाती है. पोषक व औषधीय गुणों से भरपूर यह सब्जी बारिश के दिनों में ज्यादा पायी जाती है. इसे कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान आदि राज्यों में उगाया जाता है.
पोषक गुण
कृषि वैज्ञानिक रीता मिश्रा और वाई.डी मिश्रा बताते हैं कि कांटे जैसा दिखने वाला ककोरा सेहत का खजाना है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, रेश, कैल्शियम, जिंक, विटामिन बी12, विटामिन डी, कॉपर और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं. इसमें मांस से 50 गुना ज्यादा ताकत एवं प्रोटीन है. इसमें उपस्थित फाइटोकैमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट शरीर को अंदर से साफ एवं स्वस्थ रखने में सहायक हैं. इन सभी पोषक तत्वों की उपस्थिति के कारण ये हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभप्रद होते हैं.
ये भी पढ़ें: Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका
ककोरा के कच्चे एवं पूर्ण विकसित फलों की बाहरी सतह को छीलकर कई प्रकार के व्यंजन बनाए जा सकते हैं, जो स्वादिष्ट होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद भी होते हैं. इसकी सब्जी और अचार अत्यधिक स्वादिष्ट होते हैं. इसको सूखाकर चूर्ण बनाकर भी संरक्षित किया जा सकता है.
ककोरा पौष्टिक गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक है.
कुपोषण दूर करने में सहायक
ककोरा में प्रोटीन तथा ऊर्जा की मात्रा अधिक होने के कारण यह कुपोषित शिशुओं के लिए बहुत लाभप्रद है.
महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं के लिए लाभप्रद.
ककोरा में विटामिन बी, सी तथा आयरन भरपूर मात्रा में होता है जो महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं में हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है.रक्त प्रवाह की समस्याओं में लाभप्रद.
रक्त प्रवाह में आने वाली समस्याएं हृदय रोग से जुड़ी होती हैं. ककोरा का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से रक्त प्रवाह में आने वाली समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है.
मानसूनी मौसम में ककोरा के नियमित रूप से सेवन करने से मधुमेह के रोगियों को बहुत लाभ होता है. इसमें उपस्थित फाइटो पोषक तत्व, पॉलीपेप्टाइड शरीर में उपस्थित अतिरिक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं.
ये भी पढ़ें: Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया ब
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today