जैसे-जैसे गर्मी का पारा चढ़ता है, वैसे-वैसे तरबूज की मांग भी तेजी से बढ़ती है. यह फल अमीर हो या गरीब, सभी के बीच बेहद लोकप्रिय होता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह न सिर्फ सस्ता होता है, बल्कि ठंडक और स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर भी होता है. तरबूज देखने में भी बहुत आकर्षक लगता है. इसके लाल-लाल, रसीले टुकड़े देखकर हर किसी का मन करता है कि इसे तुरंत काटकर खा लिया जाए. हालांकि, तरबूज का यही लाल रंग कई बार हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी साबित हो सकता है. दरअसल, तरबूज को ज्यादा लाल और आकर्षक दिखाने के लिए कुछ दुकानदार और व्यापारी उसमें कृत्रिम रंग वाला रसायन (एरिथ्रोसिन) मिला देते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है.
तरबूज में कृत्रिम लाल रंग के मिलावट से अब घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के वैज्ञानिकों ने तरबूज में कृत्रिम रंग की पहचान का एक आसान तरीका बताया है. इस तकनीक से आप घर बैठे कुछ ही सेकेंड में पता लगा सकते हैं कि बाजार से लाया गया तरबूज प्राकृतिक रूप से पका है या उसमें मिलावट की गई है.
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बीएयू के वैज्ञानिक बताते हैं कि अगर किसी को यह पता करना है कि बाजार से खरीदे तरबूज में कृत्रिम रंग वाला रसायन (एरिथ्रोसिन) मिला है या नहीं तो इसकी जांच वह घर बैठे कुछ देर में कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले तरबूज में रंग मिलावट की जांच के लिए आप इसे आधा काट लें. फिर उसके लाल हिस्से को कॉटन बॉल या सफेद टिश्यू या कागज से रगड़ें. यदि कॉटन बॉल या सफेद टिश्यू या कागज पर कोई रंग नहीं आता, तो इसका मतलब है कि फल प्राकृतिक है. लेकिन अगर कॉटन बॉल या सफेद टिश्यू या कागज पर लाल रंग लग जाए, तो यह संकेत है कि तरबूज में कृत्रिम लाल रंग मिलाया गया है.
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार, एरिथ्रोसिन एक कृत्रिम रासायनिक रंग है, जिसे खाने की चीजों को अधिक आकर्षक दिखाने के लिए मिलाया जाता है. यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है. लंबे समय तक इसका सेवन करने से लिवर को नुकसान पहुंच सकता है. साथ ही एलर्जी, पाचन विकार और अन्य शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं.
तरबूज न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिए भी किसी खजाने से कम नहीं. इसमें 90 प्रतिशत से अधिक पानी होता है, जो शरीर को गर्मी में ठंडक और हाइड्रेशन प्रदान करता है. यह फल पोटैशियम, राइबोफ्लेविन, आयरन, कैल्शियम, जिंक, फाइबर, नियासिन, विटामिन A, B, C और लाइकोपीन जैसे अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है. ये तत्व त्वचा, इम्यून सिस्टम और हृदय के लिए लाभकारी हैं.
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तरबूज के बीज भी बेहद लाभकारी होते हैं. सूखे हुए बीजों की एक मुट्ठी में प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों की मजबूती, त्वचा की देखभाल और बेहतर रक्त संचार में मदद करते हैं.
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, तरबूज खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि प्राकृतिक रूप से पके और रसदार तरबूज की पहचान की जा सके:–
1. तरबूज का आकार समान और सतह चिकनी होनी चाहिए, साथ ही उसमें किसी प्रकार की दरार या कट नहीं होना चाहिए.
2.पका हुआ तरबूज हाथ में उठाने पर भारी महसूस होता है, जो इसके रस से भरपूर होने का संकेत देता है.
3.तरबूज के निचले हिस्से पर यदि पीले रंग का धब्बा हो, तो समझें कि वह अच्छी तरह पका है. जबकि सफेद या हरे धब्बे वाले तरबूज अधपके हो सकते हैं.
4.तरबूज को थपथपाने पर धीमी और मद्धम आवाज (फीकी आवाज) आए, तो वह पका हुआ होता है, जबकि धातु जैसी तेज आवाज कच्चेपन का संकेत देती है.
5. बहुत अधिक चमकदार या अत्यधिक लाल तरबूजों से बचना चाहिए, क्योंकि उनमें रंग मिलावट की आशंका हो सकती है.
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