Sugar Production: उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन घटा, गन्ने की रेड रॉट बीमारी और बाढ़ है वजह

Sugar Production: उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन घटा, गन्ने की रेड रॉट बीमारी और बाढ़ है वजह

Sugar Production: चीनी निर्यात में भारत ने अब तक अच्छी प्रगति की है, लेकिन उत्पादन में आई गिरावट के कारण निर्यात में रुकावटें आ सकती हैं. सरकार और उद्योग को इस स्थिति का समाधान निकालने की ज़रूरत है ताकि किसान और निर्यातक दोनों को नुकसान न हो.

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उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन घटा, गन्ने की रेड रॉट बीमारी और बाढ़ है वजहकम बारिश ने चीनी उत्पादन पर डाला असर

भारत ने 20 जनवरी से लेकर मई के अंत तक कुल 5.38 लाख टन चीनी का निर्यात किया है. इसके अलावा, 23,219 टन चीनी बंदरगाहों पर लोडिंग या ट्रांजिट में है, जिससे कुल आंकड़ा 5.61 लाख टन के पार पहुंच गया है. सरकार ने इस सीज़न के लिए 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी थी, जो 30 सितंबर, 2025 को समाप्त होगा. ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन (AISTA) के अनुसार, अब तक कुल 5.17 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है. इसमें शामिल हैं:

  • 4.1 लाख टन सफेद चीनी
  • 25,382 टन कच्ची चीनी (Raw Sugar)
  • 81,845 टन रिफाइंड चीनी

इसके अलावा 21,000 टन कच्ची चीनी विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) की रिफाइनरियों में भेजी गई है, जो भी निर्यात मानी जाती है.

किन देशों को सबसे ज़्यादा निर्यात?

भारत की चीनी सबसे ज़्यादा निम्न देशों को भेजी गई:

  • सोमालिया – 1,18,553 टन
  • श्रीलंका – 76,401 टन
  • अफगानिस्तान – 72,833 टन
  • जिबूती – 69,609 टन
  • यूएई (UAE) – 37,842 टन
  • लीबिया – 30,729 टन
  • तंज़ानिया – 26,919 टन

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उत्पादन में भारी गिरावट

2024-25 के चीनी सीज़न में कुल उत्पादन 26.52 मिलियन टन (mt) रहने का अनुमान है, जो पिछले सीज़न (31.9 mt) से करीब 16.9% कम है. इसके चलते 30 सितंबर, 2025 तक क्लोजिंग स्टॉक घटकर 4.5 मिलियन टन रह जाएगा.

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उत्पादन घटने के कारण

उत्तर प्रदेश में:

  • रेड रॉट बीमारी (Red Rot) ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गन्ने को प्रभावित किया.
  • पूरब में बाढ़ के कारण गन्ने की क्वालिटी और चीनी रिकवरी पर असर पड़ा.

महाराष्ट्र में:

  • अनियमित बारिश और फूल आने की समस्या के कारण गन्ने की पैदावार कम हुई.
  • कई चीनी मिलों ने सामान्य समय से पहले ही क्रशिंग ऑपरेशन बंद कर दिया.

निर्यात लक्ष्य से कम रह सकती है मात्रा

AISTA ने अनुमान लगाया है कि इस साल निर्यात 8 लाख टन तक सीमित रह सकता है, जबकि सरकार ने 10 लाख टन की अनुमति दी थी. उत्पादन में गिरावट के चलते निर्यात लक्ष्य पूरा होना मुश्किल लग रहा है.

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