भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा एक नया हाइब्रिड मक्का (पूसा विवेक QPM 9) विकसित किया गया है. इसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यह लाइसिन और ट्रिप्टोफैन के साथ-साथ प्रो-विटामिन-A से भी भरपूर है. यह भारत का पहला प्रो-विटामिन-A मक्का है. पोषक तत्वों की बात करें तो मक्के के दाने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज़्यादा (65-75%) और प्रोटीन कम (7-12%) होता है. प्रोटीन में आवश्यक एमीनो एसिड जैसे लाइसिन एवं ट्रिप्टोफैन भी काफी कम मात्रा में होते हैं. हाल ही में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इससे जुड़ी जानकारी अपने ट्विटर हैंडल से शेयर की. आप भी जानिए क्या होता है प्रो विटामिन-ए और क्या है प्रो-विटामिन-A मक्का से जुड़ी खास बातें
प्रो-विटामिन-A एक प्रकार का सामान्य बीटा-कैरोटीन है. इसे हम अपनी डाइट में भी शामिल कर सकते हैं. यह मानव शरीर के लिए काफी अच्छा माना जाता है. शरीर में विटामिन-A की मदद से कई बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलती है. यह प्रजनन और स्तनपान के लिए भी जरूरी है. यह शरीर में जाकर विटामिन में बदल जाता है. प्रो-विटामिन-A का उपयोग विटामिन की कमी को दूर करने के लिए किया जाता है. यह अंडा, दूध, गाजर, सब्जियां, पालक, स्वीट पोटेटो, पपीता, दही, सोयाबीन और दूसरी पत्तेदार हरी सब्जियों में पाया जाता है.
गेहूं और चावल के बाद मक्का भारत का तीसरा सबसे महत्त्वपूर्ण और पोषक तत्वों से भरपूर अनाज माना जाता है. इसका उपयोग कई अलग-अलग चीजों को बनाने में भी किया जाता है जैसे चिप्स, कॉर्न फ्लेक्स, पॉपकॉर्न इत्यादि.
देश का पहला प्रो-विटामिन - एक समृद्व मक्का...
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) January 17, 2023
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित मक्के की बायोफोर्टिफाइड किस्मों में सामान्य मक्के की तुलना में प्रो-विटामिन-ए, लाइसिन और टाइपटोफैन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है...#IYM2023 pic.twitter.com/8FcK12ArBF
वैज्ञानिकों की तरफ से विकसित इस मक्के में कई ऐसे जरूरी पोषक तत्वों को बढ़ाया गया है, जो मानव शरीर के लिए जरूरी हैं. हाइब्रिड मक्का (पूसा विवेक QPM 9) लाइसिन और ट्रिप्टोफैन के साथ-साथ प्रो-विटामिन-A से भी भरपूर है. इतना ही नहीं यह भारत का पहला प्रो-विटामिन मक्का है. यह नई किस्म महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें ना केवल विटामिन-ए बल्कि अन्य दो आवश्यक एमीनो एसिड (लाइसिन और ट्रिप्टोफैन) भी हैं.
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लाइसिन (Lysine) एक प्रकार का एमिनो एसिड है जिसका उपयोग घाव और खुजली वाली बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है. इसे आपको अपने खाने में शामिल करना पड़ता है. खाने में इसकी मात्रा अगर अधिक हो जाए तो इससे पेट दर्द और कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं.
वहीं ट्रिप्टोफैन की बात करें तो ट्रिप्टोफैन भी एक आवश्यक एमीनो एसिड है. ट्रिप्टोफैन की मदद से वयस्कों के शरीर में नाइट्रोजन को संतुलित किया जा सकता है और बच्चों में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है. ऐसे में प्रो-विटामिन-A मक्के में यह दोनों ही एसिड पाए जाते हैं जो मानव शरीर के लिए बेहद लाभदायक हैं.
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भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा विकसित यह मक्का भुखमरी से लड़ने में कारगर हथियार साबित हो सकता है. यह एक बड़ी आबादी को कुपोषण से मुक्त करने में सक्षम है. इसके साथ ही यह ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) में भारत की रैंकिंग में सुधार कर सकता है. इस रैंकिंग में भारत 2018 में 119 देशों में 103वें स्थान पर था.
प्रो-विटामिन A पौधों पर आधारित फूड्स जैसे फलों और सब्जियों से प्राप्त किया जा सकता है. यह संक्रमण से लड़ने के साथ-साथ हमारे शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है. प्रो-विटामिन A के सेवन से आंखों की रौशनी तेज़ होती है. हड्डियां मजबूत होती हैं. इसी के साथ यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और कैंसर के खतरे से भी बचाता है.
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