
किसानों को फसल नुकसान का क्लेम न देना पड़े इसके लिए बीमा कंपनियां कैसे-कैसे खेल खेलती हैं इसका एक बड़ा उदाहरण हरियाणा से सामने आया है. भिवानी जिले के तोशाम तहसील के तहत आने वाले गांव देवसास में बीमा कंपनी के कर्मचारी पर क्रॉप कटिंग के दौरान कपास की तुलाई में गड़बड़ी करने का आरोप लगा है. किसानों ने यह गड़बड़ी पकड़ ली और हंगामा किया इसके बाद रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (Reliance General Insurance Company Ltd) के कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. किसान कृषि विभाग के अधिकारियों पर भी एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. आरोप है कि बीमा कंपनी के कर्मचारी ने इसलिए वजन ज्यादा इसलिए दिखाया ताकि किसानों को क्लेम न देना पड़े.
इस पूरे घटनाक्रम को समझने से पहले बीमा क्लेम मिलने का गणित समझते हैं. किसान नेता रवि आजाद ने बताया कि ज्यादा बारिश से हुए फसल नुकसान की किसानों ने शिकायत की थी. सामान्य हालात में प्रति एकड़ औसतन आठ क्विंटल कपास निकलता है. लेकिन बारिश के बाद 2 से 2.5 क्विंटल प्रति एकड़ ही रह जाने का अनुमान है. किसानों को क्लेम तब मिलेगा जब यह पता चले कि बारिश के बाद औसत उपज कम हो गई है. इसीलिए बीमा कंपनी के कर्मचारी ने वजन बढ़ाकर दिखाया, ताकि किसानों को क्लेम न देना पड़े. नुकसान कितना हुआ है इसे जानने के लिए पांच गुणे पांच मीटर के एरिया में क्रॉप कटिंग करके कपास का वजन देखा जाता है ताकि पता चले कि वाकई नुकसान हुआ है या नहीं.
बहरहाल, तोशाम (भिवानी) के खंड कृषि अधिकारी की शिकायत पर तोशाम थाने में बीमा कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें लिखा गया है कि रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारी रोशन कुमार ने गांव देवायास में कपास के खेत में फसल कटाई प्रयोग करते समय वेट मशीन के साथ छेड़छाड़ करके कम वजन को ज्यादा दिखाया है. मौके पर किसान ने सतर्कता दिखाते हुये बीमा कंपनी के कर्मचारी की हेराफेरी को पकड़ लिया.
किसान के विरोध करने पर बीमा कंपनी के कर्मचारी मौका पाकर मोबाइल छोड़कर भाग गए. किसानों (सोमबीर व अन्य) व मेरे (खंड कृषि अधिकारी तोशाम) द्वारा उक्त कर्मचारी को दोबारा बुलाकर पूछताछ की तो कर्मचारी ने वास्तविक वजन 0.355 ग्राम को एक बार 1 किलोग्राम व दूसरी बार 1.5 किलोग्राम करके दिखाया (जिसकी वीडियो वायरल है). जिसके बाद किसानों द्वारा इस धोखाधड़ी में शामिल बीमा कंपनी के सभी कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. खंड कृषि अधिकारी की ओर से दर्ज करवाई गई एफआईआर में लिखा गया है कि रोशन कुमार से पूछताछ की जाए कि उसने इस गांव के अलावा और किस स्थान पर इस प्रकार की गड़बड़ी की है. इसमें उसके साथ और कौन लोग शामिल हैं.
किसान नेता रवि आजाद का कहना है कि फसल नुकसान की शिकायत के बाद क्रॉप कटिंग करना कृषि विभाग का काम है. बीमा कंपनी के कर्मचारी की सिर्फ वहां मौजूदगी होनी चाहिए. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मकसद किसानों को राहत देना है. ऐसे में अगर बीमा कंपनी के कर्मचारी ही इस तरह की हेराफेरी करेंगे तो किसानों को मुआवजा कैसे मिल पाएगा? अगर समय रहते इस तरह की गड़बड़ी पकड़ी न जाती तो हजारों किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता. वजन में हेरफेर करने की वजह से उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाता. उन्होंने कहा कि इस मामले में कृषि विभाग के संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होगा तो जल्द ही तोशाम के एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today