बालाघाट, जिसे ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है, वहां के किसान मुख्य रूप से धान की खेती करते हैं. लेकिन धान की फसल के बाद खेत की मेड़ें खाली रह जाती हैं, जिनका उपयोग किसान सही तरीके से करें तो वे अपनी आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि खेत की मेड़ पर कौन-कौन से पेड़ लगाने चाहिए, जिससे हर साल नहीं, बल्कि हर महीने लाखों की कमाई हो सकती है.
जामुन का पेड़ छाया भी देता है और उत्पादन भी. यह पेड़ 3 साल बाद फल देना शुरू कर देता है. एक बार जब जामुन लगने लगते हैं, तो किसान हर साल इससे अच्छी कमाई कर सकते हैं. बाजार में जामुन की अच्छी कीमत मिलती है और इसका उपयोग जूस, अचार और दवाइयों में भी होता है.
लाभ:
आम का पेड़ भी 3 से 4 साल में फल देना शुरू कर देता है. गर्मियों के मौसम में किसान जब धान की खेती से फुर्सत में रहते हैं, तब आम से अच्छी कमाई कर सकते हैं. आम की खेती का बाजार बहुत बड़ा है और इसकी कई किस्में होती हैं, जिनकी कीमत भी अधिक होती है.
लाभ:
सागौन एक इमारती लकड़ी का पेड़ है, जिसे किसान अक्सर खेत की मेड़ पर लगाते हैं. इसकी लकड़ी की मांग हर साल बढ़ती जा रही है. 7-8 साल बाद किसान एक सागौन के पेड़ से हजारों रुपये कमा सकते हैं.
लाभ:
शीशम भी एक मजबूत इमारती पेड़ है, जिसे खेत की मेड़ पर लगाया जा सकता है. इसकी लकड़ी फर्नीचर बनाने में इस्तेमाल होती है. यह भी 6-7 साल में कटाई के लिए तैयार हो जाता है और अच्छी कीमत दिलाता है.
लाभ:
बांस और यूकेलिप्टस दोनों ही तेजी से बढ़ने वाले पेड़ हैं. बांस से फर्नीचर, झोपड़ी, और कृषि में कई तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं. यूकेलिप्टस से तेल, कागज और अन्य औद्योगिक उत्पाद बनते हैं. ये पेड़ 4-5 साल में तैयार हो जाते हैं और किसान को अच्छी आमदनी देते हैं.
लाभ:
इन पेड़ों को खेत की मेड़ पर लगाने से न केवल कमाई होती है, बल्कि खेत की मिट्टी की गुणवत्ता भी सुधरती है. इन पेड़ों की सूखी पत्तियां जब गिरती हैं तो उनसे ह्यूमस बनता है, जो मिट्टी को उपजाऊ बनाता है और फसल की पैदावार बढ़ाता है.
अगर किसान भाई सही तरीके से अपनी खेत की मेड़ों पर फलदार और इमारती पेड़ लगाएं, तो वे आने वाले कुछ वर्षों में लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं. यह एक बार का निवेश है, लेकिन मुनाफा सालों तक मिलता है. आने वाले बरसात के मौसम में यह पेड़ लगाना सबसे उचित समय है.
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