Paddy Procurement: करनाल मंडी में करोड़ों का 'धान घोटाला', सरकारी स्टॉक में बड़ा घपला उजागर

Paddy Procurement: करनाल मंडी में करोड़ों का 'धान घोटाला', सरकारी स्टॉक में बड़ा घपला उजागर

करनाल जिला प्रशासन ने चावल मिलों के फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद सरकारी धान के स्टॉक में बड़े पैमाने पर गलती का खुलासा किया है. इस जांच के बाद, करोड़ों रुपये के धान की कथित हेराफेरी के आरोप में कई अधिकारियों और मिल मालिकों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं.

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करनाल मंडी में करोड़ों का 'धान घोटाला', सरकारी स्टॉक में बड़ा घपला उजागरकरनाल मंडी में करोड़ों का 'धान घोटाला'

हरियाणा में धान की सरकारी खरीद जारी है. इस बीच खरीद में हुई गड़बड़ी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए, करनाल जिला प्रशासन ने चावल मिलों के फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद सरकारी धान के स्टॉक में बड़े पैमाने पर गलती का खुलासा किया है. इस जांच के बाद, करोड़ों रुपये के धान की कथित हेराफेरी के आरोप में कई अधिकारियों और मिल मालिकों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं. इसके अलावा प्रशासन ने जांच तेज कर दी है और उपायुक्त उत्तम सिंह ने कई वेरिफिकेशन अभियान चलाने और हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा और स्थानीय अनाज मंडियों में सतर्कता बढ़ाने के आदेश दिए हैं.

धान घोटाला में दो FIR दर्ज

'द ट्रिब्यून' के मुताबिक, फिजिकल वेरिफिकेशन प्रक्रिया के बाद, दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है. एक सदर पुलिस स्टेशन में और दूसरी तरौरी पुलिस स्टेशन में, जिसमें एक मार्केट कमेटी सचिव, चार निरीक्षकों, खरीद एजेंसी के एक उप-निरीक्षक और एक मिलर को आरोपियों में नामजद किया गया है. बता दें कि करनाल मिल में 33 हजार से अधिक बोरियों की कमी पाई गई.

कहां गया धान का स्टॉक? 

पहली एफआईआर जिला खाद्य और आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) अनिल कुमार की शिकायत पर मैसर्स बटन फूड्स, सलारू के मालिक सतीश कुमार, मंडी निरीक्षक यशवीर सिंह (घरौंडा), संदीप शर्मा (जुंडला), समीर वशिष्ठ (करनाल) और लोकेश (निसिंग) के खिलाफ दर्ज की गई थी.  एसडीएम करनाल अनुभव मेहता के नेतृत्व में खरीद एजेंसियों के अधिकारियों के साथ एक सत्यापन दल ने 25 अक्टूबर को बाटन फूड्स का निरीक्षण किया, जिसके बाद 2025-26 खरीफ सीजन के लिए मिल को आवंटित 67,013 बैग (25,129.87 क्विंटल) में से 33,759 बैग (12,659.62 क्विंटल) की कमी पाई.

मिलर ने दावा किया कि धान का एक हिस्सा दो अलग-अलग जगहों, बटन फूड्स, सलारू और भाटिया ओपन प्लिंथ, जुंडला पर भंडारण किया गया था वो भी बिना किसी बाहरी भंडारण अनुमति के.  हालांकि, जुंडला मार्केट कमेटी ने बताया कि दावा की गई जगह पर बटन फूड्स का ऐसा कोई स्टॉक नहीं मिला. इसके बजाय, गायब धान दूसरी मिलों राधे राधे राइस मिल (30,889 बैग), शक्ति राइस मिल (33,045 बैग) और भोलेनाथ राइस मिल (49,622 बैग) में पाया गया.

FIR में दर्ज हुए आरोप

एफआईआर में यह भी उल्लेख किया गया है कि मिलर ने 10 अक्टूबर, 2025 को एक झूठा हलफनामा प्रस्तुत किया, जिसमें दावा किया गया कि उसने 11 अक्टूबर से 10 नवंबर तक भाटिया प्लिंथ को किराए पर लिया था. हलफनामे पर कथित तौर पर अजय भाटिया नाम के व्यक्ति के जाली हस्ताक्षर थे, जबकि बाजार समिति ने पुष्टि की कि ऐसा कोई समझौता अस्तित्व में नहीं था. जांचकर्ताओं का अनुमान है कि बाटन फूड्स ने एमएसपी, मंडी और परिवहन शुल्क सहित लगभग 3.54 करोड़ रुपये मूल्य के सरकारी धान का गबन किया गया है. मिल को एफआईआर में नामित चार निरीक्षकों की निगरानी में चार मंडियों से 99 गेट पास के माध्यम से 28,424.625 क्विंटल धान प्राप्त हुआ था.

855 लाख टन धान की कमी 

तरौरी पुलिस स्टेशन में दर्ज दूसरी एफआईआर में तरौरी मार्केट कमेटी के सचिव संजीव सचदेवा और खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के उपनिरीक्षक रामफल के खिलाफ कथित प्रक्रियागत उल्लंघन और मिल मालिकों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया गया है. शिकायत के अनुसार, अतिरिक्त उपायुक्त सोनू भट्ट के नेतृत्व वाली एक टीम ने 27 अक्टूबर, 2025 को सत्यापन के दौरान 855 लाख टन धान की कमी पाई.

चावल मिल मालिक ने दावा किया कि गायब स्टॉक सग्गा सब-यार्ड में संग्रहीत किया गया था और दोनों अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र भी प्रस्तुत किया जिसमें साइट के बाहर भंडारण की अनुमति दी गई थी. हालांकि, सत्यापन से पता चला कि दो अन्य मिलों को भी उसी साइट के लिए समान अनुमति दी गई थी, जिससे दावे ओवरलैप हो गए. निरीक्षण के दौरान, 3,078 मीट्रिक टन के संयुक्त दावे के विपरीत, स्थान पर केवल 2,212.86 मीट्रिक टन धान पाया गया, जो स्टॉक के संभावित विचलन और अभिलेखों में हेराफेरी का संकेत देता है.

जांच में यह निष्कर्ष निकला कि दोनों अधिकारियों ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया और संभवतः मिल मालिकों के साथ मिलीभगत की, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ. उपायुक्त उत्तम सिंह ने कहा, "चावल मिलों का भौतिक सत्यापन चल रहा है. इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी." पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने कहा, "हमने दो एफआईआर दर्ज की हैं और गहन जांच की जाएगी."

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