हेल्दी रहने के लिए हेल्दी खाना खाना बहुत जरूरी है. आज के समय में जहां खान-पान और लाइफस्टाइल हर दिन बिगड़ती जा रही है, ऐसे में इसे सही करना हमारे और आपके लिए बहुत जरूरी है. इतना ही नहीं गलत खानपान की वजह से हम कई तरह की बीमारियों का भी शिकार हो रहे हैं. इसे सही करना एक बड़ी चुनौती है. लेकिन इस चुनौती को आसान बनाने में बाजरा यानी मिलेट आपकी मदद जरूर कर सकता है. आज के मिलेट रेसिपी एपिसोड में हम बात करेंगे मिलेट ठेकुआ के बारे में. और जानेंगे इसे बनाने का आसान तरीका और इसके फायदे. उससे पहले आइए जानते हैं मिलेट क्या है और आज दुनियाभर में इसे इतना महत्व क्यों मिल रहा है.
मोटे अनाज को बाजरा कहा जाता है. यह दो प्रकार का होता है एक मोटा अनाज और दूसरा छोटा अनाज. बाजरा में ज्वार (शबरत), बाजरा, रागी (मडुआ), झंगोरा, बेर, कंगनी, कुटकी (छोटा अनाज), कोदो, छेना (चीना), समा या सांवा और जौ आदि शामिल हैं. मोटे अनाज में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. जिसे खाने से कई तरह की शारीरिक समस्याओं से राहत मिलती है. एक समय था जब मोटे अनाज को गरीबों का खाना कहा जाता था. लेकिन अब यही मोटा अनाज यानी मिलेट्स अमीरों की थाली की शोभा बढ़ा रहा है. मिलेट्स को नई पहचान देने के लिए साल 2023 को इंटरनेशनल इयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया गया. जहां अलग-अलग देशों ने इसमें हिस्सा लिया और बाजरे के महत्व को समझा.
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दरअसल ठेकुआ बिहार का एक मशहूर व्यंजन है जो छठ पूजा के दौरान भगवान सूर्य के लिए खास तौर पर बनाया जाता है. इसे गेहूं के आटे और गुड़ से बनाया जाता है. इसका स्वाद मीठा और कुरकुरा होता है. हालांकि, लोग इसे अलग-अलग तरीकों से बनाते हैं. इसमें घी, नारियल और अलग-अलग तरह के ड्राई फ्रूट्स का भी इस्तेमाल किया जाता है. बिहारी ठेकुआ अब बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में मशहूर हो गया है. इस ठेकुआ को और भी हेल्दी बनाते हुए बिहार की बबीता सिंह ने इसे एक नए ट्विस्ट के साथ तैयार किया है. बबीता सिंह ने ठेकुआ में आटे की जगह मिलेट्स का इस्तेमाल किया है. जो सेहत के लिए बेहद हेल्दी है. इसका स्वाद भी आटे के ठेकुआ जैसा ही है.
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