महाराष्‍ट्र में ज्‍यादा बारिश बिगाड़ेगी खेल! चीनी की र‍िकवरी घटने की आशंका, मिलर्स ने कही ये बात

महाराष्‍ट्र में ज्‍यादा बारिश बिगाड़ेगी खेल! चीनी की र‍िकवरी घटने की आशंका, मिलर्स ने कही ये बात

महाराष्ट्र सरकार ने 1 नवंबर से गन्ना पेराई सीजन की मंजूरी दी है, लेकिन ज्यादा बारिश से शुगर रिकवरी दर घटने और उत्पादन प्रभावित होने का खतरा है. मिलर्स ने सरकार से सहयोग मांगा है, जबकि राज्य मिलर्स से प्रति टन 15 रुपये की वसूली का फैसला जारी कर चुकी है.

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महाराष्‍ट्र में ज्‍यादा बारिश बिगाड़ेगी खेल! चीनी की र‍िकवरी घटने की आशंका, मिलर्स ने कही ये बातमहाराष्‍ट्र में शुगर रिकवरी रेट घटने की आशंका

महाराष्ट्र सरकार की मंत्रि‍मंडलीय समिति ने गन्ना पेराई सीजन 1 नवंबर से शुरू करने को मंजूरी दी है, जबकि इस साल ज्‍यादा बारिश से गन्ने की शुगर रिकवरी दर घटने की आशंका जताई गई है, जिससे राज्यभर में चीनी उत्पादन प्रभावित होगा. ऐसे में किसानों और मिल मालिकों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में हुई मंत्रीमंडलीय बैठक में 2025-26 पेराई सीजन की घोषणा की बैठक में बाढ़ से गन्ने की फसलों को हुए नुकसान की भी समीक्षा की.

पिछले साल का FRP भुगतान भी बकाया: मिल मालिक

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, बारिश के बुरे असर की आशंका को लेकर मिल मालिकों ने कहा कि रिकवरी रेट में गिरावट से उत्पादन घटेगा. इसलिए उन्‍होंने सरकार से सहयोग की मांग की है, ताकि संचालन सुचारु रह सके. कई मिलर्स ने यह भी बताया कि वे पिछले सीजन का निष्पक्ष और पारिश्रमिक मूल्य यानी एफआरपी अब तक किसानों को नहीं दे पाए हैं और नया सीजन उनका बोझ और बढ़ाएगा.

राज्‍य सरकार ने इस बीच हर टन गन्ने पर 10 रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष और 5 रुपये बाढ़ प्रभावित किसानों की सहायता के लिए उपकर लगाने का फैसला किया है. लेकिन मिलर्स ने इस फैसले का विरोध जता रहे हैं. उनका कहना है कि जब गन्ना किसान ही बुरी तरह प्रभावित हैं तो यह अतिरिक्त वसूली उनके लिए दोहरी मार साबित होगी. वहीं, पेराई सीजन दीपावली के बाद ही शुरू होगा, क्योंकि गन्ना मजदूर त्योहार से पहले काम शुरू करने को तैयार नहीं हैं.

उद्धव ठाकरे ने उपकर लगाने पर जताया विरोध

वहीं, बीते दिनों शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार के शुगर मिल्‍स से गन्ने पर प्रति टन 10 रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष और 5 रुपये प्रति टन बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद के लिए वसूली लगाने का निर्णय पर जमकर हमला बोला. ठाकरे ने कहा कि इस निर्णय का सीधा खामियाजा गन्ना किसानों को उठाना पड़ेगा, क्योंकि मिलर्स पहले से ही वित्तीय दबाव में हैं. 

किसानों के भुगतान पर पड़ेगा: उद्धव

इस फैसले का असर सीधा भुगतान पर पड़ेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ चीनी मिल मालिक बीजेपी में शामिल हो गए हैं और उनकी फैक्ट्रियों पर लिए गए कर्ज पर सरकार से आश्वासन हासिल कर लिया है. ठाकरे ने कहा कि सरकार का यह कदम किसानों पर दोहरी मार साबित होगा और यह पूरी तरह अन्यायपूर्ण है. इसके साथ ही ठाकरे ने बाढ़ से प्रभावित किसानों को 50 हजार रुपये प्रत‍ि हेक्‍टेयर मुआवजा देने और कर्जमाफी की मांग भी उठाई.

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