Soil Testing Lab Biharसॉयल टेस्टिंग आज खेती-किसानी का एक अहम हिस्सा बन गई है. केंद्र सरकार की तरफ से भी अब इस तरफ ध्यान दिया जा रहा है. केंद्र सरकार ने किसानों को सॉयल टेस्टिंग की सुविधा देने और ग्रामीण स्तर पर रोजगार बढ़ाने के मकसद से गांवों के स्तर पर लैब की शुरुआत की है. सरकार ने विलेज लेवल सॉइल टेस्टिंग लैब (VLSTL) योजना शुरू की है. इसके योजना के तहत गांवों में रहने वाले युवा, सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG) और कृषि से जुड़े उद्यमी अपने गांव में सॉयल टेस्टिंग लैब खोल सकते हैं.
कृषि मंत्रालय की तरफ से एक नई योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत अब गांव स्तर पर सॉयल टेस्टिंग लैब खोली जा सकेंगी. इन लैब्स को ग्रामीण युवा, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, RAWE प्रोग्राम के तहत ट्रेन्ड कृषिसखी, कृषि विश्वविद्यालयों के स्टूडेंट्स और पैक्स से जुड़े एंटरप्रेन्योर्स चला सकते हैं. सरकार इस स्कीम के तहत एकमुश्त 1.5 लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराएगी.
विलेज लेवल सॉयल टेस्टिंग लैब स्थापित करने की कुल लागत 1.5 लाख रुपये तय की गई है. इसमें 1 लाख रुपये मिट्टी की जांच के लिए जरूरी मशीनें और एक साल के सालाना मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट (एएमसी) पर खर्च होंगे. जबकि 50,000 रुपये का प्रयोग डिस्टिल्ड वाटर, pH मीटर, कंडक्टिविटी मीटर, इलेक्ट्रॉनिक बैलेंस, ग्लासवेयर और बाकी जरूरी सामग्री खरीदने में किया जाएगा. राज्य सरकार यह पूरी राशि लाभार्थियों को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिये से मुहैया कराएगी.
सरकार की इस स्कीम का मकसद किसानों को गांव में ही सस्ती और आसान मिट्टी की जांच की सुविधा प्रदान करना है ताकि दूर न जाना पड़े. साथ ही इस सुविधा से किसानों को समय पर सटीक रिपोर्ट भी मिल सकेगी. वहीं जो और फायदे इस योजना से मिलेंगे उसके तहत-
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