Kisan Tak Summit: आलू ने हमें मालामाल कर दिया, चार बेटे-बेटियों को इसी के दम पर पढ़ा रहे

Kisan Tak Summit: आलू ने हमें मालामाल कर दिया, चार बेटे-बेटियों को इसी के दम पर पढ़ा रहे

Kisan Tak Summit: आज विश्व आलू दिवस भी है जिसके अवसर पर 'किसान तक' यह कार्यक्रम कर रहा है. लखनऊ के गोमती नगर में सुबह 9 बजे से यह कार्यक्रम शुरू है जो शाम 4 बजे तक चलेगा. आपको बता दें इस कार्यक्रम में खेती-किसानी से लेकर कृषि विज्ञान की दुनिया के गणमान्य भी उपस्थित हैं. पूरे प्रोग्राम में कई पैनल परिचर्चा की बैठकें हुईं और कई सत्र आयोजित किए गए. 

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आलू ने हमें मालामाल कर दिया, चार बेटे-बेटियों को इसी के दम पर पढ़ा रहे- कमल किशोरआलू अधि‍वेशन (Kisan Tak Summit)

Kisan Tak Summit: इंडिया टुडे (आजतक) ग्रुप का डिजिटल एग्रीकल्चर प्लेटफॉर्म 'किसान तक' ने लखनऊ में 'आलू अधिवेशन' आयोजित किया. विश्व आलू दिवस भी है जिसके अवसर पर 'किसान तक' ने यह कार्यक्रम किया. लखनऊ के गोमती नगर में आयोजित किया गया था . आपको बता दें इस कार्यक्रम में खेती-किसानी से लेकर कृषि विज्ञान की दुनिया के गणमान्य भी उपस्थित थे. पूरे प्रोग्राम में कई पैनल परिचर्चा की बैठकें हुईं और कई सत्र आयोजित किए गए. इस सत्र में किसानों ने अपनी खेती की जानकारी और इसमें आई चुनौतियों को सबके सामने रखा. इस सत्र 'कहो किसान' में पांच किसानों ने मंच को संभालते हुए किसानों को बताया कि खेती में क्या करें और क्या नहीं. इस सत्र में पुष्पेंद्र जैन, ड्रोन दीदी सबीना, कमल किशोर, रघुवेंद्र सिंह और राम गोपाल तिवारी शामिल हुए. उन्होंने आलू की खेती और अन्य बातों पर चर्चा की.  

बीमारी कम करने के लिए अपनाएं फसल चक्र

आगरा पोटैटो सीड लिमिटेड के चेयरमैन पुष्पेंद्र जैन ने कहो किसान सेशन में कहा, उत्पादन अच्छा लेने के लिए मिट्टी की सेहत जरूर चेक करें. इसके लिए मिट्टी के सूक्ष्म तत्वों की जांच कराएं. सूक्ष्म तत्व हरी खाद से मिलेंगे. अगर सूक्ष्म तत्व कम हैं तो हरी खाद जरूर डालें. फसल की बीमारी कम करने के लिए फसल चक्र अपनाएं. दवाएं भी इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने इससे पहले सत्र का हवाला देते हुए कहा कि वैज्ञानिक ध्रुव ने आलू की फसल में लगने वाले चेचक रोग के बारे में बहुत सही जानकारी दी है कि कोई भी दवा ठीक नहीं हो सकती है, उसके लिए फसल चक्र अपनाना बहुत जरूरी है. 

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केवीके से सीखी नई तकनीक और तरीका

अयोध्या की महिला किसान और ड्रोन दीदी सबीना ने कहा कि फसल चक्र अपना कर ही अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. सबीना ने कहा, तीन साल से आलू की खेती करती हूं. जिले में कृषि विज्ञान केंद्र में गई जहां नई तकनीकों के बारे में सीखने का मौका मिला. वहां बताया गया कि केवीके में आइए और नई तकनीक सीखिए. सबीना ने बताया की नई तकनीकों की मदद से उन्हें बहुत लाभ मिला है. सबीना कहती हैं आलू की खेती के बारे में भी केवीके से जानकारी मिली. इस साल मैंने कुफरी नीलकंठ लगाया था जिसे प्राकृतिक तरीके से उगाया गया था. इसका उत्पादन भले ही कम हुआ है, लेकिन उसमें कोई पेस्टिसाइड नहीं डाला है. ड्रोन के बारे में उन्होंने कहा कि 300 एकड़ में अभी तक ड्रोन से छिड़काव कर चुकी हूं.

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आलू के दम पर बच्चों को बनाया इंजीनियर

किसान कमल किशोर ने कहा कि पिताजी के रहने पर बिजनेस करते थे, बाद में उनके नहीं रहने पर खेती से जुड़ गए. पिताजी जितना आलू उगाते थे, उससे ज्यादा हम उत्पादन ले रहे हैं. इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े जहां से मदद मिली. कुफरी बहार किस्म से अच्छा उत्पादन मिला. इसमें रोग को लेकर थोड़ा सावधान रहना होता है, अगर कार्बेंडाजिम पहले ही छिड़क दें तो कोई नुकसान नहीं होता. उसी आलू के दम पर चार बेटे बेटियों को मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करा रहे हैं.

केवल आलू की खेती से नहीं चलेगा काम

किसान राघवेंद्र सिंह अवधूत ने कहा, केवल आलू की खेती से काम नहीं चलेगा. हमें क्लस्टर बनाकर आगे बढ़ना होगा. तभी देश का किसान समृ्ध और प्रबल होगा. रायबरेली में एफपीओ चलाने वाले और किसान रामगोपाल तिवारी ने कहा कि हम अपने आलू को निरोग बनाएंगे तभी उत्पादन अच्छा होगा. सरकार हमें हर सुविधाएं दे रही है जिसका फायदा उठाना चाहिए. सही पानी, सही बीज और खाद का इस्तेमाल करें तो अच्छा उत्पादन मिलेगा. पानी के सही उपयोग के लिए नई तकनीक अपनानी चाहिए. इसमें ड्रिप और स्प्रिंकलर का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे आलू का अच्छा कंद बनता है. आलू पर चित्ती भी नहीं बनती. ड्रिप से दवा डालने में भी मदद मिलती है. हमें आलू में सहफसली खेती करनी चाहिए. आलू की अच्छी ग्रोथ 30-35 दिनों तक होती है उसके बाद कंदों को बढ़ाना होता है.

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