Indian Spices: भारतीय मसालों की दुनियाभर में भारी मांग है. इस वजह से वित्त वर्ष 2024-25 में इन मसालों की मांग बनी रही है और वह भी कीमतों में इजाफे के बावजूद. जीरा, हल्दी, मसाला तेल यानी ओलियोरेसिन और काली मिर्च जैसे उत्पादों की विदेशों में बहुत ज्यादा मांग बनी हुई है. ज्यादा मांग के चलते भारतीय मसालों का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 4.72 अरब डॉलर के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया है. यह पिछले साल के 4.46 अरब डॉलर से 6 फीसदी ज्यादा है.
अखबार बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार 2025 में रिकॉर्ड शिपमेंट कीमतों में गिरावट के कारण मिर्च के कीमतों में गिरावट के बावजूद है. मिर्च, निर्यात के मामलों में मसालों का किंग बना हुआ है और सबसे बड़ा उत्पाद बना है. मात्रा और कीमत दोनों की अगर बात करें तो मिर्च का एक्सपोर्ट, कुल मसाला निर्यात का एक चौथाई से भी ज्यादा है. वित्त वर्ष 25 के दौरान भारत के मिर्च निर्यात में 2023-24 की तुलना में कुछ कमी आई. इसमें 1.50 अरब डॉलर से 11 प्रतिशत की कमी देखी गई. यह 2024-25 के दौरान घटकर 1.34 अरब डॉलर रह गया. कीमतों में गिरावट का असर मिर्च के निर्यात पर पड़ा. जबकि मात्रा में करीब 19 फीसदी का इजाफा हुआ और यह 7.15 लाख टन पर पहुंच गई.
दूसरे सबसे बड़े उत्पाद जीरे का निर्यात 5 फीसदी बढ़कर 732.35 लाख डॉलर हो गया है. मात्रा के हिसाब से जीरे का निर्यात 39 प्रतिशत बढ़कर 2.29 लाख टन हो गया. अखिल भारतीय मसाला निर्यातक फोरम के अध्यक्ष इमैनुएल नम्बुसेरिल ने कहा, 'यह 2024-25 में मसालों का रिकॉर्ड निर्यात था. चालू वित्त वर्ष के लिए हमें लगभग सभी मसाला फसलों के निर्यात के लिए अच्छी संभावनाएं नजर आ रही हैं.'
मसाला तेलों यानी ओलियोरेसिन के शिपमेंट में वित्तीय वर्ष 2025 के दौरान 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 535.92 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया. मात्रा की अगर बात करें तो इसमें 12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और यह 4.53 लाख टन पर पहुंच गए हैं. हल्दी का निर्यात 51 प्रतिशत बढ़ा है और यह 341 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. साथ ही निर्यात मात्रा भी 9 प्रतिशत बढ़कर 1.76 लाख टन हो गई.
एक और प्रमुख, मिंट कैटेगरी या पुदीना से जुड़े उत्पादों में भी मामूली वृद्धि देखी गई और यह 417.8 लाख डॉलर पर पहुंच गया. करी पाउडर और पेस्ट में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 247.59 मिलियन डॉलर पर था. जबकि निर्यात मात्रा सात फीसदी बढ़कर 77,151 टन हो गई. काली मिर्च का निर्यात मूल्य में 40 प्रतिशत बढ़कर 124.54 मिलियन डॉलर हो गया. साथ ही मात्रा में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 20,830 टन तक पहुंच गई. इसी तरह से छोटी इलायची का निर्यात 53 प्रतिशत बढ़कर 184.65 मिलियन डॉलर हो गया.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today