भीषण गर्मी में मछलियों का ऐसे करें बचाव, वाराणसी के एक्सपर्ट किसान ने दिए ये बड़े सुझाव

भीषण गर्मी में मछलियों का ऐसे करें बचाव, वाराणसी के एक्सपर्ट किसान ने दिए ये बड़े सुझाव

Fish Farming Tips: सिंह बताते हैं कि इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है, इस उपाय के जरिए गर्मियों के मौसम में मछलियों को असानी से बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि मछलियों बहुत सेंसिटिव होती है कि टेंपरेचर से दूसरे टेंपरेचर में दूसरे टेंपरेचर में जाने से उनका शौक लगता है. तो वो कभी ऊपर नहीं आती.

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भीषण गर्मी में मछलियों का ऐसे करें बचाव, वाराणसी के एक्सपर्ट किसान ने दिए ये बड़े सुझाववाराणसी-भदोही रोड पर स्थित कपसेठी गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान केएन सिंह (Photo-Kisan Tak)

उत्तर प्रदेश में उमस भरी भीषण गर्मी का सिलसिला जारी है. ऐसे में मछली पालकों के लिए यह खबर काफी जानकारी वाली है. दरअसल प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी में पारा 45 डिग्री के पार पहुंच चुका है. वहीं गर्मी के मौसम में मछली पालन का व्यवसाय कर रहे लोगों को तालाब में पड़ी हुई मछलियों की सुरक्षा एक बड़ा ही चैलेंजिंग होता है. हर दिन के साथ पर लगातार पानी का तापमान भी बढ़ जाता है, जिसके कारण इसमें पाल रही मछलियों को नुकसान होता है. वाराणसी- भदोही रोड पर स्थित कपसेठी गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान केएन सिंह पिछले 40 वर्षों से मछली पालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. 

तालाब के पानी को 6 फुट तक बढ़ा देना चाहिए

इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में फिश फार्मिंग के एक्सपर्ट किसान केएन सिंह ने बताया कि मछलियों को गर्मी से बचाने के लिए सबसे कारगर उपाय है कि पानी की गहराई को बढ़ा देना चाहिए. वैसे 4-5 फुट पानी तालाबों में रखा जाता है, ऐसे में गर्मियों में तालाब के पानी को 6 फुट तक बढ़ा देना चाहिए. उन्होंने बताया कि पानी की उपरी लेयर अगर गर्म भी होती है, तो मछलियां नीचे जाकर कम तापमान में सुरक्षित रहती है.

अरेटर से बढ़ता है तालाब में ऑक्सीजन लेवल 

सिंह बताते हैं कि इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है, इस उपाय के जरिए गर्मियों के मौसम में मछलियों को असानी से बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि मछलियों बहुत सेंसिटिव होती है कि टेंपरेचर से दूसरे टेंपरेचर में दूसरे टेंपरेचर में जाने से उनका शौक लगता है. तो वो कभी ऊपर नहीं आती. वहीं अरेटर चलाने से तालाब में ऑक्सीजन लेवल तेजी से बढ़ता है. अगर पानी स्थिर रहेगा तो गर्म होगा. इसलिए समय रहते मत्स्यपालकों को सावधान होकर कारगर कदम उठाने चाहिए. 

पानी को बदलने से मछलियां रहेंगी सुरक्षित

काशी के सफल किसान ने बताया कि गर्मी के मौसम में इन मछलियों को पानी के 27 से 32 डिग्री तक के तापमान की आवश्यकता होती है, लेकिन इस चिलचिलाती धूप में पारा 45 डिग्री के पार जा चुका है. ऐसे में पानी के तापमान को कम करना बेहद आवश्यक होता है. पानी के तापमान को कम करने के लिए हम रोजाना सुबह पहले तालाब के पानी को बदल सकते हैं. इससे तालाब की सभी मछलियां सुरक्षित रहेंगी.

मछलियां होंगी सेहतमंद 

किसान केएन सिंह ने आगे बताया कि गर्मियों में तेज हवा भी चलती है, अगर पानी में हलचल रहेगी तो तालाब का पानी अधिक गर्म नहीं होगा. ऐसे अरेटर की भूमिका मछलियों को मरने से बचाने में काफी अधिक होती हैं. इससे ऑक्सीजन का स्तर बढ़ेगा, मछलियां सेहतमंद होंगी, उनका वजन बढ़ेगा और किसान की कमाई बढ़ेगी.

मछली पालन से 50 लाख का टर्नओवर

बता दें कि केएन सिंह सिर्फ दो एकड़ में मछली पालन करके 50 लाख रुपये से अधिक का टर्नओवर का आंकड़ा पार कर चुके है. उन्होंने बताया कि वो एक खास प्रजाति की पंगेसियस मछली का पालन करते आ रहे है. क्योंकि इस मछली की डिमांड मार्केट में 12 महीने बनी रहती है. 

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