
बिहार के बेगूसराय स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेज रिसर्च (IIMR) सेंटर कर्नाटक के शिवमोगा में शिफ्ट होगा. आईआईएमआर, लुधियाना का यह सेंटर रीजनल स्टेशन है जो अभी बिहार के बेगूसराय में चल रहा है. उधर कर्नाटक कई साल से अपने लिए एक मक्का रिसर्च सेंटर की मांग कर रहा है. इसे देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बेगूसराय के रीजनल स्टेशन को शिवमोगा में शिफ्ट करने की जानकारी दी है. इसके बारे में सालभर पहले कृषि मंत्रालय ने संसद में जानकारी दी थी.
दरअसल, पिछले साल संसद सत्र के दौरान डॉ. प्रभा मल्लिकार्जुन ने कृषि मंत्रालय से मक्का रिसर्च सेंटर को लेकर एक जानकारी मांगी थी. खरगे ने सरकार से पूछा-क्या कर्नाटक में मक्का रिसर्च का कोई रीजनल स्टेशन खोलने की योजना है? अगर ऐसी योजना है तो क्या यह सेंटर दवनागेरे लोकसभा क्षेत्र में खोला जाएगा क्योंकि यह इलाका मक्के की खेती के लिए मशहूर है. इस क्षेत्र में सिंचित और असिंचित क्षेत्र दोनों में मक्का उगाया जाता है. सांसद प्रभा मल्लिकार्जुन ने कहा, इस लोकसभा क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का अच्छा विकास हुआ है रीजनल सेंटर खोलने के लिए सरकारी जमीन भी उपलब्ध है.
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सांसद के इस सवाल का जवाब कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री भगीरथ चौधरी ने दिया. उन्होंने संसद में कहा, शिवमोगा में मक्का रिसर्च सेंटर लगाने की योजना है. उन्होंने कहा, 15वें वित्त आयोग अवधि (वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26) के दौरान आईआईएमआर, लुधियाना के बेगूसराय स्थित रीजनल स्टेशन को शिवमोगा में शिफ्ट करने की मंजूरी दी गई है. इसी तरह कर्नाटक में दो और सेंटरों के जरिये मक्का रिसर्च पर काम हो रहा है. ये दो सेंटर हैं-यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेस, धारवाड़ (UAS) और मंड्या स्थित यूएएस बैंगलोर. ये दोनों सेंटर कर्नाटक में मक्के की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं.
इसे लेकर पिछले साल दिसंबर में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी जानकारी दी थी. शिवमोगा के सांसद बीवाई राघवेंद्र को लिखे एक पत्र में शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि बेगूसराय स्थित आईआईएमआर सेंटर को शिवमोगा में शिफ्ट किया जाएगा. यह सेंटर आईसीएआर का ब्रांच होगा. कृषि मंत्री ने बताया कि इस सेंटर के बनने से कर्नाटक में मक्का उत्पादन की क्षमता बढ़ जाएगी. इस सेंटर की मदद से कर्नाटक में भरपूर मात्रा में मक्के का उत्पादन होगा जिससे किसानों के साथ-साथ इससे जुड़े पेशे में लगे लोगों को लाभ मिलेगा.
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