भारत से बांग्लादेश को प्याज का निर्यात शुरूभारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंध भले ही अपने सबसे बुरे दौर में हों, लेकिन दोनों देशों के बीच व्यापार फल-फूल रहा है. नई अंतरिम सरकार की भारत पर निर्भरता कम करने की योजना का मनचाहा असर नहीं हुआ है, क्योंकि ढाका अभी भी प्याज और चावल के लिए भारत पर निर्भर है.
2024 तक बांग्लादेश को प्याज निर्यात पर भारत का एकाधिकार था. हालांकि नई अंतरिम सरकार ने अपने विकल्पों में फेरबदल करने की कोशिश की, लेकिन वह फिर से भारत पर निर्भर हो गई है. यह बात बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के वित्तीय सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने 23 दिसंबर को एक बैठक के बाद कही.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश 31 मार्च, 2026 तक भारत से कुल 1,500 टन प्याज आयात करेगा. यूनुस सरकार ने बांग्लादेश के 50 आयातकों को भारत से प्याज आयात करने की अनुमति दी है.
नई दिल्ली से खुद को अलग करने की कोशिश नाकाम होने के बाद भारत पर निर्भरता को लेकर सरकार ने अपनी निराशा नहीं छिपाई. हालांकि ढाका ने पाकिस्तान, चीन, मिस्र और तुर्की से प्याज आयात करने का विकल्प चुना, लेकिन देश में प्याज की कीमत 150 टका प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थी.
इस स्थिति में, यूनुस सरकार को अपने बाजार में प्याज की कीमत को नियंत्रित करने के लिए भारत से प्याज आयात करने के लिए मजबूर होना पड़ा. "कुछ दिन पहले, भारत से प्याज आयात करने का फैसला लिया गया था. यह फैसला लेने में थोड़ी देर हो गई थी. अगर यह फैसला पहले लिया गया होता, तो देश में प्याज की कीमत और भी कम हो जाती," बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के वित्तीय सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने कहा.
सोशल मीडिया प्याज की कीमत और भारत से आयात फिर से शुरू होने के मुद्दे पर टिप्पणियों से भरा हुआ है. बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत विरोधी भावना के बावजूद भारत रोजाना टनों प्याज बांग्लादेश भेज रहा है, जिससे कीमतें कथित तौर पर लगभग आधी हो गई हैं. प्याज से लदे भारतीय ट्रक बांग्लादेश पहुंच गए हैं.
"लगभग 200 ट्रक, जिनमें 6,000 टन से अधिक लाल और सफेद प्याज है, हर दिन सीमा पार कर रहे हैं." सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, भारत ने बांग्लादेश को प्याज का निर्यात फिर से शुरू कर दिया है (7 दिसंबर, 2025 से रोजाना 6,000 टन), जिससे वहां चल रहे भारत विरोधी अशांति के बीच लोकल कीमतें आधी हो गई हैं.
सिर्फ प्याज ही नहीं, ढाका भारत से चावल भी आयात कर रहा है, जिसकी मात्रा 50,000 मीट्रिक टन है. हालांकि बांग्लादेश पाकिस्तान से भी चावल खरीदता है, लेकिन उसकी कीमत भारत की तुलना में बहुत अधिक है. जबकि भारत से खरीदे गए चावल की कीमत 43 टका 51 पैसे प्रति किलो है, वहीं पाकिस्तान से उसी चावल की कीमत 48 टका 30 पैसे प्रति किलो है.
इसलिए, यूनुस सरकार को एडवाइजरी काउंसिल कमेटी की मीटिंग में चावल खरीदने की मंजूरी देनी पड़ी. 'दि वीक'की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पता चला है कि बांग्लादेश भारत की पट्टाभि एग्रो फूड्स प्राइवेट लिमिटेड से 50 टन चावल खरीदेगा.
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