भारत का एग्री बिजनेस सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है और साथ ही फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ भी तेजी से हो रही है. यही वजह है कि अमेरिका भी भारतीय बाजार पर आंख गड़ाए बैठा है और टैरिफ में कटौती चाहता है. वहीं अब इस क्षेत्र में पहले से मौजूद भारतीय कंपनियां भी विस्तार कर रही है. इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए अहमदाबाद की हाईफन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी एग्री बिजनेस ब्रांच हाईफार्म को एक अलग और स्वतंत्र व्यवसायिक यूनिट के रूप में आगे बढ़ाने और किसानों को जोड़ने वाला ब्रांड बनाने का प्लान बनाया है. कंपनी के एमडी और सीईओ हरेश करमचंदानी ने यह जानकारी साझा की है.
‘बिजनेसलाइन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, हरेश करमचंदानी ने कहा कि हमारे बिजनेस में खेती एक बड़ा हिस्सा है और मैन्यूफैक्चरिंग दूसरी बड़ी एक्टिविटी है. इनके बाद ही बिक्री का काम होता है. हमने प्रोसेसिंग के लिए जाने वाली कमर्शियल फसल की सोर्सिंग कर पिछड़े एकीकरण के मामले में कंपनी को मजबूत बनाया है. इसके लिए हम कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करते हैं.
करमचंदानी ने कहा कि Hyfun ने खुद को एक कंज्यूमर ब्रांड के रूप में स्थापित किया है और HyFarm कंपनी के लिए एक खरीद शाखा के रूप में उभरा है. HyFun Foods ने 2015 में फ्रोजेन पोटेटो से शुरुआत की थी और आज कंपनी फ्रेंच फ्राइज़, आलू टिक्की, पैटीज़, हैश ब्राउन, नगेट्स और फ्लेक्स जैसे अन्य आलू से बनने वाले स्नैक्स बनाती है. कंपनी 2021 से डिहाइड्रेटेड आलू भी बना रही है और 40 से ज्यादा देशों को फ्रोजेन पोटेटो निर्यात करती है. Hyfun Foods के ग्राहकों में बर्गर किंग, केएफसी और वॉलमार्ट जैसी वैश्विक कंपनिया शुमार हैं.
करमचंदानी ने कहा कि HyFarm एक सीड टू शेल्फ मॉडल चलाता है और इसके पांच पहलू हैं. पहला पांच साल के चक्र के माध्यम से बीज का गुणन है, जिसमें दो साल के लिए टिशू कल्चर लैब के जरिए बीज का उत्पादन शामिल है. दूसरा कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कर कमर्शियल फसल की खरीद और तीसरा कोल्ड स्टोरेज में आलू का भंडारण है.
वहीं, चौथा प्रोसेसिंग प्लांट है, यह अत्याधुनिक है और पांचवां डिस्ट्रीब्यूटर या खुदरा विक्रेता के माध्यम से अंतिम मील तक पहुंचने वाली सल्पाई चैन है. हाईफन फूड्स मुख्य रूप से फ्रेंच फ्राइज़ और क्रिस्प जैसे स्नैक्स के लिए फ्रोजेन पोटेटो का इस्तेमाल करता है.
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