पहचान और नागरिकता प्रमाण के रूप में मान्य किए जाने के चलते आधार कार्ड प्रत्येक व्यक्ति के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज है. गैस कनेक्शन से लेकर बैंक खाता खोलने के लिए भी आधार कार्ड होना जरूरी होता है. जबकि, 1100 से अधिक सरकारी योजनाओं में पहचान और नागरिकता प्रमाण के रूप में आधार मान्य दस्तावेज है. ऐसे में आधार से फ्रॉड के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. वहीं, आधार कार्ड धारक की मृत्यु के बाद उसके आधार को सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती होती है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए आधार प्राधिकरण uidai ने नियम बना रखा है.
आधार का इस्तेमाल बैंक खाता खुलवाने से लेकर कोई जमीन, संपत्ति की खरीद-फरोख्त में जरूरी होने के साथ ही नागरिकता का प्रमाण पत्र है. ऐसे में आधार की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना आवश्यक है, लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके आधार कार्ड का क्या होता है? बता दें कि UIDAI के अनुसार ऐसे में आधार को सरेंडर करने या फिर रद्द करने की कोई व्यवस्था नहीं है. हालांकि इसकी सुरक्षा को लेकर कुछ कड़ा इंतजाम किया गया है, ताकि कोई इसका मिसयूज नहीं कर सके.
आधार कार्ड धारक की मौत के बाद उसके आधार कार्ड को परिजन सरेंडर या रद्द नहीं कर सकते हैं, लेकिन इसे लॉक किया सकता है. लॉक करने के बाद कोई दूसरा व्यक्ति आधार के डेटा को एक्सेस नहीं कर सकता है. इसका इस्तेमाल करने के लिए आधार कार्ड को पहले अनलॉक करना होगा. वहीं दूसरा तरीका ये है कि परिजन मृतक व्यक्ति के आधार कार्ड को संभालकर रखें और ध्यान दें कि किसी अन्य के हाथ में न पहुंच जाए.
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