देश में महिलाओं के उत्थान के लिए केंद्र और राज्यों की सरकारें कई योजनाएं चला रही हैं, जिनसे उन्हें काफी फायदा मिल रहा है. सरकार की ऐसी ही योजना 'हर घर जल' से करोड़ों महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें दावा किया गया है कि इस पहल से लगभग 9 करोड़ महिलाओं को रोजाना पानी लाने की समस्या से निजात मिली है और वे अब परिवार की आय बढ़ाने के लिए बाहर काम करने लगी हैं. इनमें से ज्यादातर महिलाएं खेती-किसानी और इससे जुड़े क्षेत्रों में ज्यादा योगदान देने लगी हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं को पहले दूर-दराज के इलाकों से पानी लाने में काफी समय बर्बाद हो जाता था, लेकिन 'हर घर जल' कार्यक्रम की वजह से अब ऐसा नहीं हो रहा है. अगर महिलाएं कभी दूर पानी लेने जा भी रहीं हैं तो उन्हें उतना समय नहीं लग रहा है. घर के दरवाज़े पर नल से पानी पहुंचने से महिलाओं की दिनचर्या में देखने लायक बदलाव आया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, हर घर जल योजना ने एक क्रांति की शुरुआत की है, जिसके चलते लगभग 9 करोड़ महिलाओं को बाहर से पानी नहीं लाना पड़ रहा है, जिसका नतीजा है कि ऑल इंडिया लेवल पर खेती और इससे जुड़ी गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी में बढ़ोतरी हुई है. घरों को सुरक्षित और साफ पीने का पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से चलाई गई इस पहल से देश की करोड़ों महिलाओं का समय बच रहा है.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे देश में दूर-दराज इलाकों से पानी लाने वाले परिवारों में 8.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जिसके कारण खेती और इससे जुड़े क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी 7.4 प्रतिशत बढ़ी है. ज्यादातर राज्यों में पाया गया कि पेयजल और अन्य जरूरतों को लेकर पानी के लिए बाहरी जल स्रोतों पर निर्भर रहने वाले परिवारों के प्रतिशत में गिरावट देखी गई है. यही सबसे बड़ा कारण है कि महिलाओं का समय बच रहा है और वे इन कामों में भी योगदान दे पा रही हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, हर घर जल कार्यक्रम का उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है. पिछले 10 सालों में लगभग 10 करोड़ लोग, जो कभी पानी की कमी से जूझते थे, उन्हें इससे निजात मिली है. 'हर घर जल' पहल सामाजिक परिवर्तन के लिए एक बड़ा फैक्टर बन कर सामने आई है.
यह पहल महिलाओं का समय बचाने के साथ उन्हें सशक्त बनाती है और उन्हें अर्थव्यवस्था में अधिक भूमिका निभाने का मौका देती है. इसमें भी खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं का जीवन अब बदलने लगा है. यह बदलाव न सिर्फ लैंगिक समानता को बढ़ा रहा है, बल्कि कृषि उत्पादकता और ग्रामीण आजीविका को भी बढ़ावा दे रहा है. (एएनआई)
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