पशुपालन का व्यवसाय तभी सफल होता है, जब पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के साथ-साथ अच्छी क्वालिटी का दूध उत्पादन मिलने लगे. इसके लिए जरूरी है कि आप अपने पशुओं को पोषण से भरपूर हरा चारा खिलाएं. ज्यादातर पशुपालकों के लिए पशु चारा उगाना आसान है, क्योंकि वे पशुपालन के साथ खेती भी करते हैं. ऐसे में दुधारू पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए ये पशुपालक अपने खेतों में नागफनी उगा सकते हैं.
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो बेहतरीन पशु चारे की श्रेणी में नागफनी का कैक्टस चारा शामिल है. ये पशुओं के लिए एक बेहतर आहार है. आइए जानते हैं चारा कैक्टस के क्या हैं लाभ.
नागफनी का पौधा कांटेदार होता है. इस पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है. ये दिखने में काफी खूबसूरत और कांटेदार होता है. इस पौधे का अधिकतर इस्तेमाल घर की सजावट के लिए किया जाता है. लेकिन आप इसका इस्तेमाल पशुओं के चारा के तौर पर भी कर सकते हैं. साथ ही इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है. ये कई बीमारियों को दूर करने का काम करता है. इसमें कुछ खास पोषक तत्व मौजूद होते हैं.
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भारतीय परिवेश में बिना कांटे का कैक्टस पौधा सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक अच्छी चारा फसल है. भैंस (दुधारू पशुओं), भेड़, बकरियों आदि जैसे मवेशियों के लिए यह एक पोषक चारे के रूप में काफी फायदेमंद होता है. पशुओं को नागफनी के चारा कैक्टस खिलाने से दूध उत्पादन के साथ ही उनकी वजन में भी बढ़ोतरी होती है.
जुगाली करने वाले पशुओं के लिए नागफनी कैक्टस काफी अच्छा चारा हो सकता है. यह स्वादिष्ट होने के साथ पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें प्रोटीन, फाइबर के अलावा विभिन्न खनिज तत्व, फास्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, तांबा और लोहा पाया जाता है. इसमें बेहतर पाचन क्षमता होती है, इसलिए इसे जुगाली करने वाले पशु खाना बेहद पसंद करते हैं. ये चारा पशुओं के लिए पानी का भी एक बेहतर स्त्रोत होता है, क्योंकि इसमें 90 फीसदी तक पानी होता है.
इस चारे को आप चॉपर या चारा कटाई मशीन में दो-तीन इंच छोटा-छोटा काटकर पशुओं को खिला सकते हैं. इसके लिए आप इसे भूसे में मिलाकर एक दिन में पशुओं को पांच से दस किलो नागफनी चारा कैक्टस खिला सकते हैं. यह अन्य चारे की तुलना में काफी फायदेमंद होता है.
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