देशभर में 8 हजार से अधिक किसान उत्पादक संगठन (FPO) हैं. इन संगठनों से लाखों की संख्या में किसान सीधे तौर पर सदस्य के रूप में जुड़े हैं, इससे भी ज्यादा संख्या उन किसानों की है जो इन संगठनों की मदद से अपने कृषि कार्यों को बेहतर कर रहे हैं. केंद्र सरकार इन किसान उत्पादक संगठनों में प्रोफेशनल सिस्टम को विकसित करने के लिए 3 लेयर वाले अमूल मॉडल को लागू करने की तैयारी में है. इसका उद्देश्य इन एफपीओ की कार्यशैली, मॉनिटरिंग और किसानों तक सही तरीके से कृषि लाभ पहुंचाए जा सकें.
केंद्र सरकार देशभर में 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों के गठन के लक्ष्य पर काम कर रही है. इनमें से 8 हजार से अधिक एफपीओ रजिस्टर्ड हो चुके हैं और उनके किसानों को फसल उगाने से लेकर उपज बिक्री, भंडारण और वित्तीय जरूरतों को पूरा करने समेत कई अन्य तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं. एफपीओ को आर्थिक मदद के रूप में सरकार 6,865 करोड़ रुपये मुहैया करा चुकी है. एफपीओ के जरिए सरकार किसानों की आय और जीवनशैली को बेहतर करने के साथ ही उन्हें फसलों को उन्नत तरीके से उगाने के लिए प्रेरित करना चाहती है.
किसान उत्पादक संगठनों की मजबूती और सही कार्यशैली के लिए 3 स्तरीय अमूल मॉडल लागू करने का विचार कर रही है. इस मॉडल को लागू करने का उद्देश्य प्रोफेशनल तरीका लाने, वित्तीय सहायता देने, मॉनिटरिंग करने समेत कई मानक ड्राफ्ट पॉलिसी में शामिल किए गए हैं. इसे जुलाई में ही अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है और सितंबर से पहले इसे लागू करने की योजना है.
मॉडल लागू करने के लिए पिछले महीने स्टेकहोल्डर्स से आपत्तियां मांगी गई थीं, केंद्र को 90-100 टिप्पणियां मिली हैं. सूत्रों ने कहा कि टिप्पणियों के आधार पर इसमें बदलाव किए जाएंगे और 31 जुलाई तक इसे फाइनल किए जाने की संभावना है. यह ड्राफ्ट सरकार के 100-दिवसीय एजेंडे का हिस्सा भी है इसलिए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि यह ड्रॉफ्ट पॉलिसी समय सीमा से पहले नोटीफाई कर दिया जाए.
पॉलिसी में एफपीओ के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की नियुक्ति भी होनी है, ताकि एफपीओ को पेशेवर बनाया जा सके. 3 स्तरीय मॉडल ड्रॉफ्ट पॉलिसी में कहा गया है कि अगर योग्य और कुशल सीईओ की नियुक्ति हो जाती है तो सीईओ एफपीओ के संपूर्ण कृषि व्यवसाय मामलों का प्रबंधन करेंगे. हालांकि यह अनिवार्य नहीं है. अमूल को 3 लेयर मॉडल के जरिए देशभर में पहुंचाने में मदद मिली है, इसी मॉडल को एफीओ में लागू करने की योजना है ताकि इसके उद्देश्य को पूरा किया जा सके.
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