बीते महीने से लगातार सब्जियों की कीमतों में उछाल जारी है. टमाटर 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है तो प्याज 80 रुपये किलो और बैंगन 140 रुपये के आसपास चल रहा है. जबकि, आलू, लौकी समेत अन्य हरी सब्जियों की कीमतें बढ़ती जा रही है. एक्सपर्ट का अनुमान है कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई के चलते जून माह की खुदरा महंगाई दर में उछाल देखा जा सकता है. जबकि, जून में भीषण तापमान और लू के चलते कृषि उत्पादन प्रभावित रहने के चलते में ग्रामीण क्षेत्र की महंगाई दर में भी बढ़ोत्तरी की आशंका जताई गई है.
जून में भीषण गर्मी के चलते हरी सब्जियों की उपज में गिरावट रही, जिसके चलते कीमतों में उछाल रहा. सब्जियों की बढ़ती कीमतों के चलते जून माह के लिए खुदरा मुद्रास्फीति में बढ़ोत्तरी का अनुमान जताया गया है. रॉयटर्स के सर्वे के अनुसार जून में खुदरा महंगाई दर बढ़ोत्तरी का अनुमान है. इसकी वजह खराब मौसम से फसलों को हुए नुकसान के चलते सब्जियों की कीमतों में उछाल है.
भारत के उत्तरी राज्यों में अत्यधिक गर्मी और बाद में बाढ़ के कारण कृषि उत्पादन बाधित होने से हर रसोई के मुख्य खाद्य पदार्थ हैं टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में मई में दोहरे अंकों में इजाफा देखा गया. जून में भी इन खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी देखी गई है. महंगाई दर पिछले अप्रैल महीने में एक साल पहले की तुलना में बढ़कर 4.80 फीसदी हो गई थी, जो मई में घटकर 4.75 फीसदी हो गई थी.
एक्सपर्ट के अनुसार अनाज और दालों के साथ-साथ सब्जियों की कीमतों में तेज उछाल ने खाद्य महंगाई दर ऊपर बनाए रखा है. ऐसे में जून महीने में खुदरा महंगाई दर अप्रैल के स्तर 4.80 फीसदी पर फिर से पहुंच सकती है. जबकि खाद्य महंगाई दर भी 8.80 फीसदी पर पहुंच सकती है. इसके अलावा ग्रामीण महंगाई दर मई में 5.50 फीसदी का आंकड़ा छू सकती है.
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