इन तरीकों से पहचानें कि सेहत से तो नहीं हो रहा खिलवाड़, कहीं केला केमिकल से तो नहीं पका

इन तरीकों से पहचानें कि सेहत से तो नहीं हो रहा खिलवाड़, कहीं केला केमिकल से तो नहीं पका

केला एक ऐसा फल है जो साल के हर महीने मार्केट में उपलब्ध रहता है. लेकिन कई बार होता है जो केला हम खाते वह शायद केमिकल की मदद से पकाया गया हो. ऐसे में किस तरह पता लगाएं कि मार्केट में मिल रहा केला कहीं केमिकल से तो नहीं पकाया गया.

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इन तरीकों से पहचानें कि सेहत से तो नहीं हो रहा खिलवाड़, कहीं केला केमिकल से तो नहीं पकाDoctor assaulted with scissors by banana vendor in Bhangagarh

केला एक फल है जो मार्केट में हर महीने उपलब्ध रहता है. लेकिन केले को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि इसको पकाने के लिए कई बार केमिकल्स का उपयोग भी किया जाता है. इस कार्बाइड केमिकल का हमारी सेहत पर काफी नुकसान होता है.

ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम इस बात की पहचान कर सकें कि मार्केट में मिलने वाला केला कहीं केमिकल से तो नहीं पकाया गया है. इस बात का पता लगाने के कई तरीके होते है.

केले के छिलके से करें पहचान

अगर केले का छिलका पूरी तरह से चिकना और हल्के पीले रंग का है और उस पर हल्का हरा रंग नजर आ रहा है, तो यह कार्बाइड या अन्य किसी केमिकल से पकाए गए केले की पहचान का पहला है. वहीं, प्राकृतिक तरीके से केले के छिलके गाढ़े पीले रंग का होता है और उस पर काले धब्बे दिखाई देते हैं.

केले की बनावट से करें पहचान

इसमें अगर केवल केला आपको काफी ठोस लग रहा है और आपकी आंखों को लुभा रहा है. तो थोड़ा ठहरने की जरूरत है. प्राकृतिक तौर पर पका हुआ केला इतना ठोस नहीं होता है. 

पानी में डुबाकर करें पहचान

केले को पानी से भी जांचा जा सकती है. किसी बालटी में पानी ले लें. अब बालटी में केला डाल दें. अगर आपका केला डूबने की जगह पानी में तैर रहा है तो यह काफी हद तक साफ है कि आपका केला केमिकल से पकाया गया है. क्योंकि प्राकृतिक तौर पर पका केला पानी में डूब जाता है.

छिलके के काले धब्बे बताते हैं बहुत कुछ

केले को पकाने के तरीके को केवल उसपर नजर डालकर भी बताया जा सकता है. क्योंकि केमिकल से पकाया गया केला केवल कुछ-कुछ जगहों पर काला नजर आता है. जबकि प्राकृतिक तरह से पका केला चारों और से एक समान ही दिखता है.

 

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