भारत में हर दिन किसी न किसी धर्म के त्योहार होते हैं, जिन्हें लोग मनाते हैं. लेकिन, कुछ त्योहार ऐसे होते हैं जो विशेष महत्व रखते हैं. इन्हीं में एक से एक है, दशहरा. हिंदू धर्म के इस पर्व को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है. कुछ राज्यों में इसे अन्य नामों में भी जाना जाता है. दशहरा हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान राम और मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है. साथ ही शस्त्रों की पूजा भी की जाती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगवान राम ने रावण का और मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था. दशहरा पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. भारत में सदियों से दशहरे के दिन रावण दहन की परंपरा चली आ रही है. वहीं, इस साल विजयादशमी का पर्व 2 अक्टूबर 2025 को है. ऐसे में जानिए दशहरा पर पूजा का शुभ मुहूर्त और रावण दहन का समय क्या है.
पंचांग के मुताबिक आश्विन मास की दशमी तिथि 1 अक्टूबर की शाम 7:01 बजे से होकर 2 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के मुताबिक 2 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:53 मिनट से 05:41 मिनट तक, प्रातः संध्या सुबह 05:17 मिनट से 06:29 मिनट तक, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:04 मिनट से 12:51 मिनट तक, विजय मुहूर्त दोपहर 02:27 मिनट से 03:15 मिनट तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 06:26 मिनट से 06:50 मिनट तक रहेगा.
पूजन का मुहूर्त: 2 अक्टूबर की दोपहर 2 बजकर 09 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक.
शस्त्र पूजा का मुहूर्त: 2 अक्टूबर की दोपहर 1:21 बजे से दोपहर 3:44 बजे तक रहेगा.
वाहन खरीदने का मुहूर्त: 2 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक.
रावण दहन प्रदोष काल में किया जाता है. प्रदोष काल का समय सूर्यास्त के बाद शुरू होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार 2 अक्टूबर को सूर्यास्त शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा. इसके बाद रावण दहन शुरू हो जाएगा. दशहरे की शाम को रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है.
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