लोअर मिडिल क्लास लोगों का औसत मासिक खर्च 19 हजार रुपए रहा हैमहंगाई से परेशान आम जनता को लंबे समय से राहत का इंतजार है. लेकिन कभी मौसम, कभी भू-राजनीतिक समस्याएं तो कभी कुछ और मुश्किल लोगों के बजट में डेंट लगाने आ जाती है. महंगाई के इस दौर में देश का लोअर मिडिल क्लास अपनी कमाई का सबसे ज्यादा हिस्सा कहां पर खर्च कर रहा है अब इसका ब्यौरा एक सर्वे के जरिए सामने आया है. होम क्रेडिट इंडिया फाइनेंस के ‘द ग्रेट इंडियन वॉलेट स्टडी’ सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक लोअर मिडिल क्लास का सबसे ज्यादा खर्च घर के किराए और राशन के सामान को खरीदने पर होता है.
औसत निम्न मध्यवर्गीय भारतीयों ने इस साल सबसे ज्यादा 26 फीसदी रकम किराने के सामान पर खर्च की है. जबकि, 21 परसेंट रकम मकान के किराए पर खर्च की गई है. वहीं, घूमने पर इन लोगों ने 19 फीसदी रकम खर्च की. जबकि बच्चों की पढ़ाई पर 15 परसेंट खर्च हुआ. इसके बाद इलाज और दवाओं पर 7 फीसदी रकम खर्च की गई है.
सर्वे में कहा गया है कि देश के लोअर मिडिल क्लास लोगों का औसत मासिक खर्च 19 हजार रुपए रहा है. इसमें दावा किया गया है कि शहरी ग्राहकों के बीच वित्तीय कल्याण से जुड़े इंडेक्स में सुधार हुआ है. लोगों ने अगले साल तक अपनी आमदनी में बढ़ोतरी की भी उम्मीद जताई है.
हालांकि महंगाई में इजाफे के साथ साथ लोगों की आमदनी में भी बीते 1 साल के दौरान इजाफा हुआ है. सर्वे में कहा गया है कि महानगरों में लोअर मिडिल क्लास के व्यक्ति की औसत मासिक आय एक साल पहले के 33 हजार रुपए से बढ़कर 35 हजार रुपए हो गई है. वहीं, बड़े शहरों में ये 30 हजार रुपए से बढ़कर 32 हजार रुपए और मझोले शहरों में भी 27 हजार रुपए से बढ़कर 32 हजार रुपए हो गई है.
सर्वे में बीते साल के साथ साथ अगले साल के लिए भी आय में बढ़ोतरी की बात को लेकर लोगों से सवाल पूछे गए हैं. इसमें 52 परसेंट लोगों ने कहा है कि 2023 के मुकाबले 2024 में उनकी आय में बढ़ोतरी हुई है. जबकि, 74 फीसदी लोगों ने अगले साल तक इनकम बढऩे की उम्मीद जताई है. 66 परसेंट लोग आने वाले साल में ज्यादा बचत और निवेश की मंशा जता रहे हैं. 60 फीसदी लोगों के पास तय खर्चों के बाद आपात खर्चों के लिए कुछ नकदी भी है.
सर्वे में एक दिलचस्प बात यूपीआई के इस्तेमाल को लेकर भी सामने आई है. इसमें कहा गया है कि 72 फीसदी लोअर मिडिल क्लास के लोग पेमेंट के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन 64 परसेंट लोगों ने कहा है कि अगर यूपीआई से पेमेंट पर किसी तरह का चार्ज लगा तो वो इसका इस्तेमाल करना छोड़ देंगे और नकद भुगतान करेंगे
ये सर्वेक्षण जयपुर, भोपाल, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे, लखनऊ, पटना, रांची, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना और कोच्चि समेत 17 शहरों में किया गया. सर्वे में शामिल लोगों की सालाना आय 2 लाख रुपए से 5 लाख रुपए के बीच थी. (आदित्य के राणा)
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