Carbon Credits: ऊंचे-घने पेड़ नहीं इस घास को मिलते हैं सबसे ज्यादा कार्बन क्रेडिट, जानें डिटेल 

Carbon Credits: ऊंचे-घने पेड़ नहीं इस घास को मिलते हैं सबसे ज्यादा कार्बन क्रेडिट, जानें डिटेल 

Carbon Credits from Bamboo साल 2017 तक बांस फारेस्ट क्रॉप में शामिल था. इसे काटने के लिए अनुमति लेनी होती थी. लेकिन 2017 में ही वन विभाग ने अपने एक्ट में बदलाव कर इसे कमर्शियल क्रॉप में शामिल कर दिया है. इसके चलते खेती करने वाले किसान ही नहीं अब बड़ी-बड़ी कंपनियां भी इसमे शामिल हो गई हैं. 

Advertisement
Carbon Credits: ऊंचे-घने पेड़ नहीं इस घास को मिलते हैं सबसे ज्यादा कार्बन क्रेडिट, जानें डिटेल 

Carbon Credits from Bambu आपको जानकार हैरानी होगी कि देश-दुनिया में सबसे ज्यादा कार्बन क्रेडिट घास की एक खास प्रजाति को मिलते हैं. इसे उगाने पर तो कार्बन क्रेडिट मिलते ही हैं, साथ ही इसका इस्तेमाल भी अगर पर्यावरण बचाने को करते हैं तो कार्बन क्रेडिट की संख्या दोगुनी हो जाती है. इस घास का नाम है बांस (बैम्बू). बांस की देश में 130 से ज्यादा प्रजाति‍ पाई जाती हैं. पोएसी प्रजाति के परिवार से होने के चलते बांस घास में शामिल है. इसीलिए इसे पेड़ नहीं माना जाता है. लेकिन सैंकड़ों घने और ऊंचे-ऊंचे पेड़ों के मुकाबले बांस पर्यावरण को बचाने में सबसे बड़ा मददगार साबित होता है. अगर रोजाना की जिंदगी में भी बांस का इस्तेमाल देखें तो अब हाल ये है कि होटल-रेस्टोरेंट, घर और यहां तक की छोटी से लेकर बड़ी इंडस्ट्री तक में चारों तरफ बांस नजर आने लगा है. 

जबकि 10 साल पहले तक कुछ खास जगहों पर ही बांस इस्तेमाल होता था. अब तो बाजार में आप जिस चम्मच से आइसक्रीम खाते हैं वो भी बांस के बन रहे हैं. इंटीरियर सेक्टर में भी बांस अपनी एक खास पहचान बना चुका है. वास्तु के हिसाब से और शौक के चलते लोग घरों में ऑर्नामेंटल बैम्बू भी सजाने लगे हैं. बाजार में पानी की बोतल समेत बांस के बने शोपीस आइटम भी खूब दिखाई देने लगे हैं.  

बांस को मिलते हैं 10 से 20 डॉलर 

एक्सपर्ट की मानें तो नीम, पीपल, बरगद जैसे घरे पेड़ों के मुकाबले बांस को सबसे ज्यादा कार्बन क्रेडिट मिलते हैं. अगर आप बांस की खेती करते हैं तो एक कार्बन क्रेडिट कमाने पर आपको 10 डॉलर मिलते हैं. ये तो रही खेती की बात, अब अगर उसी बांस के आप बायो मास पैलेट्स बनाकर कोयले से बिजली बनाने वाली कंपनी, इथेनॉल बनाने वाली कंपनी, बायो डीजल और सीएनजी बनाने वाली कंपनी को बेचते हैं तो कार्बन क्रेडिट की वैल्यू डबल यानि 20 डॉलर हो जाती है. अगर आप एक एकड़ जमीन पर बांस की खेती करते हैं तो आपको हर साल 200 से 300 कार्बन क्रेडिट मिलेंगे. अगर खेती करने का तरीका अच्छा है तो ये आंकड़ा 400 तक भी पहुंच जाता है. बांस एक ऐसी घास है जो दूसरे पेड़ों के मुकाबले 35 फीसद ज्यादा ऑक्सीजन बनाती है और 30 फीसद से ज्यादा कार्बन को सोखती है.

बांस के बारे में क्या कहते हैं IHBT के साइंटिस्ट 

इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी (IHBT), पालमपुर, हिमाचल प्रदेश के साइंटिस्ट का कहना है कि देश के सभी राज्यों में बांस की अलग-अलग किस्म पैदा होती है. इस वक्त देश में बांस की करीब 130 से ज्यादा किस्म हैं. खास बात ये है कि सभी का इस्तेमाल कमर्शियल यूज में हो रहा है. ऑर्नामेंटल बैम्बू की बात करें तो इसकी छह वैराइटी आती हैं. फूलों के मुकाबले इनकी केयर भी कम करनी होती है. पानी भी कम ही इस्तेमाल होता है. बांस की बेल भी आती है. इसे डाइनाक्लोबा के नाम से जाना जाता है. सासा ओरीकोमा नाम का घास जैसा बांस भी आता है. जाइगेंटियस बांस की बात करें तो बांस की वैराइटी में ये सबसे मोटा और ऊंचा बांस है. इसकी लम्बाई 80 फीट से ज्यादा होती है. 

ये भी पढ़ें- Poultry Feed: पोल्ट्री फार्मर का बड़ा सवाल, विकसित भारत में मुर्गियों को फीड कैसे मिलेगा

ये भी पढ़ें- Poultry Board: पशुपालन मंत्री और PFI ने पोल्ट्री फार्मर के लिए की दो बड़ी घोषणाएं, पढ़ें डिटेल

POST A COMMENT